बियारिज (फ्रांस) 26 अगस्त (स्पूतनिक) जी-7 समूह ने ब्राजील में अमेजन के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए यथाशीघ्र 2.22 करोड़ डॉलर की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
फ्रांस के तटीय शहर बिआरित्ज में सोमवार को जी7 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया जिसमें सदस्य देशों के बीच अमेजन के वर्षावन में आग सहित दुनिया के सामने पेश समस्याओं पर चर्चा हुई लेकिन इन सब पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘‘कारोबार युद्ध’’ का मुद्दा छाया रहा और इस समूह की एकता पर भी सवाल उठे।
इस सम्मेलन ने शनिवार को तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ तेहरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर राजनयिक गतिरोध के संबंध में चर्चा करने के लिए बिआरित्ज पहुंचे।
जरीफ की यहां मौजूदगी अप्रत्याशित थी और यह फ्रांस की तरफ से ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव कम करने की कोशिश थी।
फ्रांस के राजनयिकों ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री ने ट्रंप से मुलाकात नहीं की लेकिन एक जगह दोनों नेताओं की मौजूदगी ने दोनों के बीच नरमी की उम्मीद पैदा कर दी। इस साल जुलाई में अमेरिकी सरकार ने जरीफ की यात्रा बाधित करने के उद्देश्य से भारी प्रतिबंध लगा दिये थे।
अमेरिका में पढ़े-लिखे जरीफ ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और विदेश मंत्री ज्यां यीव ला द्रयां से मुलाकात की। उन्होंने ब्रिटेन और जर्मनी के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ आगे का रास्ता बहुत कठिन है लेकिन कोशिश करने के योग्य है।’’
फ्रांस के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान के विदेश मंत्री के यहां पहुंचने की जानकारी थी।
सूत्रों का कहना है कि जरीफ की इस यात्रा के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच शनिवार को दोपहर के भोजन के दौरान भी चर्चा हुई।
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक राजनयिक ने कहा, ‘‘ हम अमेरिका के साथ पूरी पारदर्शिता से काम कर रहे हैं।’’ हालांकि अमेरिकी मीडिया में यह खबर चल रही थी कि व्हाइट हाउस इस यात्रा से हैरत में है।
ट्रंप सोमवार को वाशिंगटन लौटने से पहले एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे। उन्होंने रविवार को दावा किया था कि जी-7 सम्मेलन ‘बेहतर तरीके’ से चल रहा है।
ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका जी-7 समूह का हिस्सा हैं। इन देशों के नेताओं ने सम्मेलन के दूसरे दिन यहां के मनोरम समुद्र तट पर एक सामूहिक तस्वीर खिंचवाई।
अमेजन के जंगल में लगी आग को लेकर सम्मेलन के अंतिम दिन चर्चा हुई और इस पूरे घटनाक्रम को दुनिया के ‘‘ग्रीन लंग्स’’ पर हमला बताया गया।
हालांकि ट्रंप ने इस मुद्दे पर ज्यादा बातें नहीं की। वह अपने नए मित्र और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को लेकर बाकी सदस्यों से जरा अलग ही रहे। बोल्सोनारों की नीतियों को अमेजन के जंगल में लगी आग के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
शिखर सम्मेलन में कारोबार एक बड़ा मुद्दा था जिसकी वजह से ट्रंप जी 7 नेताओं से लगभग अलग रहे।
बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जी-7 शिखर सम्मेलन में ‘‘ब्रेक्जिट’’ के लिए ‘सही व्यक्ति’ के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का रविवार को समर्थन किया
ब्राजील के राष्ट्रपति की आलोचना:
पोर्टे वेल्हो (ब्राजील), से खबर है कि, ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोल्सोनारो अमेजन के जंगल में लगी आग को लेकर विश्व भर में आलोचना का सामना कर रहे हैं।
इससे पहले भी उन्होंने विपक्षियों और सहयोगियों का मजाक उड़ाने से लेकर महिलाओं, अश्वेत और समलैंगिकों के खिलाफ लगातार अपमानजनक टिपप्णी की थी और यहां तक कि वह 1964-1985 के बीच देश में तानाशाही सत्ता की तारीफ भी कर चुके हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी उनके इन बयानों की वजह से इतने बड़े स्तर पर उनकी आलोचना नहीं हुई थी।
धुर दक्षिणपंथी नेता शुरुआत में तो सैंकड़ों आग की घटनाओं को ही खारिज करते रहे और उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ता समूहों के ऊपर ही आरोप लगा दिया कि सरकार की विश्वसनीयता को धूमिल करने के लिए इन्ही समूहों ने आग लगाई है। बोल्सोनारो पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने विकास कार्यों के लिए पर्यावरण नियमों में ढील दी।
अमेजन जंगल में लगी भयानक आग के बाद प्रतिक्रिया करते हुए यूरोपीय नेताओं ने चेतावनी दी थी कि वह ब्राजील और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ व्यापार समझौता खत्म कर लेंगे।
ब्राजील में और दुनिया भर में ब्राजील के दूतावासों के बाहर हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
दुनिया भर में ‘प्रे फॉर अमेजोनिया’ (अमेजन के लिए प्रार्थना) सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा था।
पोप फ्रांसिस ने भी ब्राजील में लगी आग को लेकर चिंता जाहिर की और लोगों से प्रार्थना करने की अपील की ताकि ‘‘उस पर जल्दी से जल्दी काबू पा लिया जाए।’’
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि आग पर काबू पाए जाने के बाद उनका देश और अन्य देश अमेजन में फिर से वन लगाए जाने पर ब्राजील से बात करेंगे।
उन्होंने कहा ‘‘बिल्कुल (यह) ब्राजील का क्षेत्र है लेकिन हमारे सामने वर्षा वनों पर एक सवाल खड़ा है जो वास्तव में एक वैश्विक प्रश्न है।’’
शुष्क मौसम में ब्राजील में आग लगने की घटनाएं सामान्य है लेकिन इस साल यह संकटपूर्ण स्थिति में पहुंच गया। ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल अभी तक ब्राजील के जंगलों में आग लगने की 76,720 घटनाएं हुई हैं। इनमें से आधी से अधिक अमेजन में हुई।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने शुक्रवार को शिकायत की थी कि ब्राजील के नेता ने उनसे पर्यावरण संबंधी प्रतिबद्धताओं को लेकर झूठ बोला।
इस बारे में जब बोल्सोनारो से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ अगर वह मुझे फोन करेंगे तो मैं जवाब दूंगा। उन्होंने मुझे झूठा बोला फिर भी मैं उनके साथ अच्छे से व्यवहार करूंगा।
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