Home / अंतराष्ट्रीय / विदेश मंत्री एस जयशंकर ऐसे मंत्री हैं जो सांसद नहीं है लेकिन अमेरिका और चीन की नीतियों के ज्ञाता हैं और अब भारत की नीतियों के साथ विश्व के कूटनीतिक संबंधों की जिम्मेदारी हैं attacknews.in

विदेश मंत्री एस जयशंकर ऐसे मंत्री हैं जो सांसद नहीं है लेकिन अमेरिका और चीन की नीतियों के ज्ञाता हैं और अब भारत की नीतियों के साथ विश्व के कूटनीतिक संबंधों की जिम्मेदारी हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 मई । अनुभवी नौकरशाह एवं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने शुक्रवार को देश के नए विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल लिया।

वह पहले ऐसे विदेश सचिव हैं जो विदेश मंत्री भी बने हैं।

जयशंकर को चीन एवं अमेरिका मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। नये विदेश मंत्री के रूप में उन पर खास नजर होगी कि वह इन दोनों महत्वपूर्ण देशों के साथ ही पाकिस्तान से निपटने में भारत के रूख को किस प्रकार से आगे बढ़ाते हैं। 

जयशंकर को विदेश सेवा से अवकाशग्रहण करने के 16 महीने बाद यह महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है। उनके समक्ष जी..20, शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स संगठन जैसे विभिन्न वैश्विक मंचों पर भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की उम्मीदों को अमल में लाने की जिम्मेदारी भी रहेगी। 

हालांकि, उनके नेतृत्व में अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और यूरोपीय संघ तथा पड़ोसी देशों के साथ व्यापार एवं रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर मंत्रालय का मुख्य जोर रहेगा। 

जयशंकर के समक्ष एक अन्य चुनौती चीन के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत बनाने पर होगी जो 2017 के मध्य में डोकलाम विवाद के बाद प्रभावित हुए।

64 वर्षीय जयशंकर न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं ।

उनके नेतृत्व में मंत्रालय के अफ्रीकी महाद्वीप के साथ सहयोग प्रगाढ़ बनाने पर जोर देने की उम्मीद है जहां चीन तेजी से प्रभाव बढ़ा रहा है। 

नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को शामिल किया जाना चौंकाने वाला रहा।

अनुभवी राजनयिक जयशंकर चीन और अमेरिका के साथ बातचीत में भारत के प्रतिनिधि भी रहे थे।

देश के प्रमुख सामरिक विश्लेषकों में से एक दिवंगत के . सुब्रमण्यम के पुत्र जयशंकर ऐतिहासिक भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के लिए बातचीत करने वाली भारतीय टीम के एक प्रमुख सदस्य थे।

इस समझौते के लिए 2005 में शुरूआत हुयी थी और 2007 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार ने इस पर हस्ताक्षर किए थे।

जनवरी 2015 में जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त किया गया था और सुजाता सिंह को हटाने के सरकार के फैसले के समय को लेकर विभिन्न तबकों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी।

जयशंकर अमेरिका और चीन में भारत के राजदूत के पदों पर भी काम कर चुके हैं।

1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा : आईएफएस: अधिकारी जयशंकर ने लद्दाख के देपसांग और डोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जयशंकर सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त और चेक गणराज्य में राजदूत पदों पर भी काम कर चुके हैं।

64- वर्षीय जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहे हैं।attacknews.in

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी attacknews.in

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया attacknews.in

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार attacknews.in

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा attacknews.in

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा - को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा

आज भी मनुष्य की औसत आयु 150 बरस जीवन की है;सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका”गोम्पर्ट्ज़ समीकरण” से जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना की गयी attacknews.in

आज भी मनुष्य की औसत आयु 150 बरस जीवन की है;सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका"गोम्पर्ट्ज़ समीकरण" से जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना की गयी