नयी दिल्ली , 15 जुलाई । वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक हिस्सेदारी के मामले में छूट को लेकर बाजार नियामक सेबी से संपर्क कर सकता है।
आईडीबीआई , बैंक आफ इंडिया समेत सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 13 बैंक हैं जिसमें सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है।
सूत्रों ने कहा कि अगर ये बैंक अगस्त तक नियमों का अनुपालन करने में असमर्थ हैं , तो वित्तीय सेवा विभाग को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से छूट के लिये संपर्क करना होगा।
बैंक समेत सूचीबद्ध सार्वजनिक उपक्रमों को नियमों के अनुपालन को लेकर पहले ही समयसीमा एक साल बढ़ाकर 21 अगस्त तक का समय दिया गया है।
फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डाले जाने से सरकार की इनमें हिस्सेदारी बढ़ी है।
यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया में जहां सरकार की हिस्सेदारी 93.13 प्रतिशत है वहीं यूको बैंक में 90.80 प्रतिशत है।
इसके अलावा सरकार की इंडियन ओवरसीज बैंक में 89.74 प्रतिशत , बैंक आफ महाराष्ट्र में 87.01 प्रतिशत , आईडीबीआई बैंक 85.96 प्रतिशत , पंजाब एंड सिंध बैंक में 85.56 प्रतिशत , बैंक आफ इंडिया 83.09 प्रतिशत , देना बैंक 80.74 प्रतिशत तथा इंडियन बैंक में 81.71 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वहीं कारपोरेशन बैंक में 79.87 प्रतिशत , सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में 78.52 प्रतिशत , ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स 77.23 प्रतिशत तथा आंध्रा बैंक में 77.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन सभी बैंकों को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी जरूरतों को पूरा करना है।attacknews.in