दिल्ली, 19 नवंबर । गोवा में कल शुरू हो रहे 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में जेम्स बांड सीरिज की फिल्में दिखायी जाएंगी। ये फिल्म काल्पनिक ब्रिटिश जासूस को समर्पित फिल्मों के एक खंड में प्रदर्शित की जाएंगी।
आईएफएफआई बांड श्रृंखला की नौ सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के साथ जेम्स बांड की 50 साल से ज्यादा पुरानी विरासत का जश्न मना रहा है। जेम्स बांड लेखक इयान फ्लेमिंग द्वारा रचित एक किरदार है जो ब्रिटिश खुफिया सेवा का एजेंट है। बांड को सीक्रेट एजेंट 007 के नाम से भी जाना जाता है।
‘बांड रेट्रोस्पेक्टिव’ खंड के तहत दिखायी जाने वाली फिल्मों में ‘डॉ नो’ (1962), ‘गोल्डफिंगर’ (1964), ‘ऑन योर मेजिस्टीज सीक्रेट सर्विसेज’ (1969), ‘द स्पाई हू लव्ड मी’ (1977), ‘ऑक्टोपसी’ (1983), ‘लाइसेंस टू किल’ (1989), ‘गोल्डन आई’ (1995), ‘द वर्ल्ड इज नॉट एनफ’ (1999) और ‘स्काईफॉल’ (2012) शामिल हैं।attacknews
आईएफएफआई द्वारा दी गयी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक महोत्सव के निदेशक सुनीत टंडन ने बांड फिल्में दिखायी जाने को लेकर कहा, ‘‘यह देश में और संभवत: दुनिया भर में किसी भी फिल्मोत्सव में इस तरह का एक पहला खंड है। हमारा मकसद इन तमाम सालों के सफर को दिखाते हुए इस बेहद लोकप्रिय फिल्म श्रृंखला का जश्न मनाना है।’’ इस दौरान एक विशेष स्क्रीनिंग में पूर्व टेनिस खिलाड़ी, अभिनेता एवं निर्माता विजय अमृतराज, अभिनेता कबीर बेदी शामिल होंगे। दोनों ‘ऑक्टोपसी’ में काम कर चुके हैं।