भोपाल 17 मार्च। नर्मदा एवं तवा नदी के संगम स्थल होशंगाबाद जिले के बान्द्राभान में आज केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने नदियों को सम्मानित एवं संरक्षित करने के लिये नदी महोत्सव की शुरूआत की। श्री दवे का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अद्भुत था। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता, चिंतक, नेता एवं स्वयंसेवक के रूप में आदर्श व्यक्तित्व थे।
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मां नर्मदा की महिमा अपार है। भारतीय संस्कृति में नदियों, पर्वतों, वृक्षों, जंगल, जमीन और जल की पूजा की जाती है। उन्होने कहा कि हर नदी को गंगा एवं नर्मदा के रूप में देखना चाहिए। प्रकृति का दोहन करने की स्वतंत्रता प्रकृति ने ही हमें दी है, किन्तु यदि हम प्रकृति का शोषण करेगे तो प्रकृति हमें इसका जवाब भी देगी। श्री तोमर ने कहा कि ऐसी योजना तैयार की जाए जो नदी संरक्षण तथा वृक्षों की रक्षा के लिये सामाजिक चेतना का ज्ञान कराये। उन्होने कहा कि नदी का दोहन यदि नीति के अनुरूप होगा, तो नदी का स्वरूप नहीं बिगड़ेंगा।
नदी महोत्सव के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि नदियाँ भारत की सांस्कृतिक विरासत हैं। आदिगुरू शंकराचार्य ने नर्मदा नदी की माँ के रूप में स्तुति की है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित कर मां नर्मदा को जीवित इकाई की श्रेणी में माना गया है। डॉ शर्मा ने कहा कि मां नर्मदा की महिमा को प्रतिपादित करने के लिए आदिगुरू शंकराचार्य ने नर्मदा अष्टक लिखा, कवि पदमाकर ने गंगा लहरी लिखी। भारतीय संस्कृति में सहायक नदियों का महत्व प्रतिपादित करते हए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सहायक नदियों को भी जोड़ने का प्रयास करें।
समापन समारोह में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा को स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक एवं छिंदवाडा में बनी उत्तरीय भेंट की गई। कार्यक्रम मं फोटोग्राफर श्री मुकुल यादव द्वारा मां नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर यात्रा तक के जीवंत फोटो के कैलेण्डर का विमोचन किया गया। सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह ने ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
श्री शैलेन्द्र शर्मा ने बताया कि पंचम नदी महोत्सव में 175 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। सामुदायिक नेतृत्व के 306 छात्र-छात्राओं ने इस आयोजन में अपनी सहभागिता निभाई। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी संस्था के 35 छात्र, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 25 और प्रदेश के बाहर के 30 विद्यार्थियों ने महोत्सव में नदी संरक्षण पर चिंतन एवं मनन किया। इनके अलावा अन्य 380 प्रतिभागी भी इस आयोजन में शामिल हुए।attacknews.in