पेरिस 21 फरवरी ।आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान की तमाम पैंतरेबाजी एक बार फिर विफल साबित हुई है।
वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को अगले चार माह तक संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखने का फैसला किया है।
एफएटीएफ ने साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवाद समेत 25 सूत्री ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ‘काली सूची (ब्लैक लिस्ट)’ में डाल दिया जाएगा।
आतंकवाद वित्तपोषण के खिलाफ कानून सख्त करे पाकिस्तान: एफएटीएफ
इससे पहले 18 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान से आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने के लिए कठोर कानूनों को लागू करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने को कहा है।
एफएटीएफ ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा के लिए पेरिस में जारी पांच-दिवसीय पूर्ण सत्र के दौरान यह निर्देश दिया था ।
अंतरराष्ट्रीय संगठन ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में पहले से ही रखा है जिसके कारण इस देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता मिलने में कठिनाई हो रही है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों के वित्तपोषण पर रोक लगाने के लिए 27-सूत्री योजना का पालन करने के लिए कहा है अन्यथा ईरान और उत्तर कोरिया के साथ ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल होने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
संगठन ने मंगलवार की बैठक में पाकिस्तान को अपनी अभियोजन प्रणाली को मजबूत करने और आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दोषी पाये जाने वाले लोगों को सख्त सजा देने का निर्देश दिया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने दावा किया है कि वह वर्तमान में अपनी अभियोजन प्रणाली को मजबूत करने के लिए अपने कानूनों में संशोधन कर रहा है।