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FATF करेगा पाकिस्तान को काली सूची में डालने से पहले आतंकवाद पर रोक लगाने के कार्यों की समीक्षा, वित्तीय संकट की खराबी को जांचेगा IFM attacknews.in

इस्लामाबाद, 6 सितंबर । आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन की वैश्विक निगरानी संस्था एफएटीएफ का एशिया प्रशांत समूह अगले हफ्ते पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों की समीक्षा करेगा। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल वित्तीय कार्रवाई कार्यबल के अधिकारियों से मिलने के लिए 7 सिंतबर को बैंकॉक रवाना होगा। उनकी बैठक 8 से 10 सितंबर तक होगी।

बैठक के दौरान पाकिस्तान एफएटीएफ को बताएगा कि उसने प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों पर काबू पाने और उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में 18 अगस्त से 23 अगस्त के बीच एक बैठक के दौरान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में उसने आतंक पर काबू पाने के लिए अपनी 27 सूत्री कार्ययोजना के बारे में बताया।

रिपोर्ट में बैंकिंग और गैर-बैंकिंग क्षेत्राधिकार, पूंजी बाजार, ज्वैलर्स और इसी तरह की संबंधित सेवाओं के माध्यम से प्रतिबंधित संगठनों और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया है।

इस रिपोर्ट के मूल्यांकन के आधार पर यह तय होगा कि एफएटीएफ पाकिस्तान को निगरानी सूची से काली सूची में डालता है या नहीं।

इस रिपोर्ट के अलावा पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा पूछे गए 100 अतिरिक्त सवालों के जवाब भी देने होंगे।


IMF भेज रहा है सहायता मिशन –



वही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बजट घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिये इस महीने एक सहायता (एसओएस) मिशन भेज रहा है। स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को एक खबर में इसकी जानकारी दी।

न्यूज इंटरनेशनल ने पाकिस्तान में आईएमएफ की क्षेत्रीय प्रमुख टेरेसा दबान शैंकेज के हवाले से कहा कि आईएमएफ की टीम राजकोषीय मुद्दों पर चर्चा करने तथा राजकोषीय घाटा को कम कर ऐच्छिक दायरे में लाने के उपायों पर गौर करने के लिये 16-20 सितंबर के दौरान पाकिस्तान की यात्रा करेगी।

यह निर्णय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की खराब होती वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है।

खबर में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया, ‘‘आईएमएफ की एक तकनीकी टीम अशुर मोहर्रम के बाद संभवत: 17 सितंबर से 10 दिनों के लिये पाकिस्तान की यात्रा करेगी।’’

खबर के अनुसार पहले यह समीक्षा नवंबर में होने वाली थी। इसे पहले करने से इस बात के संकेत मिलते हैं कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से आईएमएफ खुश नहीं है।

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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