नयी दिल्ली 30 जनवरी । किसानों के धरना स्थलों पर दोबारा लामबंद होने के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज एक बार फिर से आपात प्रावधानों को इस्तेमाल करते हुए राजधानी की सीमाओं से लगते सिंघु बार्डर, गाजीपुर और टीकरी बार्डर क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर दो दिन के लिए बंद कर दी है।
मंत्रालय ने इन तीनों स्थानों पर किसानों के बड़ी संख्या में एकत्र होने के बाद भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए शनिवार सुबह 11 बजे से 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है।
किसान आंदोलन : यूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, करीब तीन हजार सुरक्षा बल तैनात
कल गाजियाबाद, से खबर थी कि, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के समर्थक शुक्रवार को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर फिर से एकत्र होने लगे और वहां किसानों की भीड़ बढ़ने लगी । हालांकि, गाजियाबाद प्रशासन ने यूपी गेट प्रदर्शन स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया है जहां बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
बीकेयू के आह्वान पर मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुराबादाबाद एवं बुलंदशहर जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से और अधिक किसान इस आंदोलन में शामिल होने के लिये यूपी गेट पहुंचे ।
गाजीपुर में यूपी गेट पर एक समय टकराव की स्थिति बन गयी थी जब बृहस्पतिवार की शाम विरोध स्थल पर लगातार बिजली कटौती देखी गई। वहां राकेश टिकैत के नेतृत्व में बीकेयू सदस्य पिछले साल 28 नवंबर से धरना पर हैं।
गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने विरोध स्थल का आधी रात के बाद दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की । मौके पर सुरक्षा बल तैनात हैं ।
पुलिस उपाधीक्षक (इंदिरापुरम) अंशु जैन ने बताया कि सुरक्षा बलों के करीब तीन हजार जवानों को तैनात किया गया है । इसमें राज्य सशस्त्र बल के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स एवं सिविल पुलिस के जवान शामिल हैं। इन जवानों को गाजीपुर के आस पास तैनात किया गया है।
इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, आरएलडी नेता जयंत चौधरी एवं भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने टिकैत से मुलाकात की । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं बसपा प्रमुख मायावती ने भी किसान आंदोलन को अपनी पार्टी का समर्थन दिया है।
राकेेेश टिकैत के भावुक होने पर किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत
सिरसा से खबर है कि, केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसानों के धरने के दौरान गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक हो जाने पर फूलकां के एक किसान संत लाल कुलड़िया(71) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
मृतक किसान के पुत्र ओमप्रकाश ने बताया कि वीरवार रात करीब साढ़े दस बजे टेलीविज़न पर किसान नेता राकेश टिकैत को भावुक होते देख उसके पिता बेहद दुखी हो गये जैसे ही चारपाई पर लेटे तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और मौत हो गई। संत लाल का आज उनके गांव में संस्कार कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि संत लाल की दिल्ली बार्डर पर किसान आंदोलन में जान की दिली इच्छा थी।
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को देश को हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास करने का आरोप लगाया:
इधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी किसान आंदोलन की आड़ में देश को हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रीमती ईरानी ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा,“आज पूरे राष्ट्र ने कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गाँधी की प्रेस वार्ता में राष्ट्र के खिलाफ खुलेआम उनकी चुनौती को देखा है। अपनी प्रेस वार्ता में आज राहुल गाँधी ने एलान कर दिया कि 72वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा का जो तांडव देश ने देखा है, हिंसा की वह आग जल्द ही देश के हर शहर यहाँ तक कि स्लम बस्तियों तक फैलेगी और देश की जनता देखेगी। भारत की राजनीति में पहली बार शांति का आह्वान करने के बजाय अराजक तत्व एवं उपद्रवी देश में आग कैसे लगाएं, उसका आह्वान करते हुए कांग्रेस पार्टी के एक नेता को आज पूरे राष्ट्र ने देखा है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा,“26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा का जो उपद्रव देश ने देखा, उसमें दिल्ली पुलिस के लगभग चार सौ जवान घायल हुए जिसमें कई जवान जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। इस दौरान किसान आंदोलन की आड़ में उपद्रवियों ने कई मीडिया कर्मियों पर भी कातिलाना हमले किये। यहाँ तक कि इस दिन दिल्ली में राष्ट्र ने उस कुकृत्य को भी देखा जिसमें महिला पुलिस कर्मियों को घेर कर उन्हें मारने की कोशिश की गई। देश वह मंजर कभी भी नहीं भूलेगा जब दिल्ली पुलिस के जवानों और मीडिया कर्मियों को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई लेकिन आज राहुल गाँधी के मुख से न तो उन घायल दिल्ली पुलिस के जवानों के लिए सांत्वना के लिए शब्द निकले और न ही मीडिया कर्मियों के प्रति संवेदना के स्वर ही सुनाई दिए।”
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा,“राहुल गाँधी वह नेता हैं जो चाहते हैं कि देश भर में कानून – व्यवस्था की स्थिति भंग हो, राहुल गाँधी वह नेता हैं जो चाहते हैं कि अराजक तत्व देश में न केवल तिरंगे का अपमान करें बल्कि देश को भी तोड़ने का दुस्साहस करें। मैं आप सबसे अपील करना चाहती हूँ कि हम सबको मिल कर श्री गाँधी के हर नापाक मंसूबों को नाकामयाब करना होगा।”
श्रीमती ईरानी ने कहा,“श्री गाँधी खुलेआम भड़काऊ बयान देते हैं कि पूरे देश में आग लग जाएगी। इस बयान से उनका ही चेहरा बेनकाब हुआ है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी ने निर्दोषों के खून से अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने हमेशा देश को बाँट कर नफरत की राजनीति करने का कुत्सित प्रयास किया लेकिन देश की जागरुक जनता उनके नापाक मंसूबों को कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।”
उन्होंने कहा,“श्री गाँधी के पास जानकारी का इतना अभाव है कि उन्हें दिल्ली के सीमाओं के नाम भी नहीं पता। वह इतने व्याकुल हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली पुलिस ने इतनी शांति और संयम का परिचय कैसे दे दिया क्योंकि राहुल गाँधी की मंशा तो देश को हिंसा की आग में झोंकने की थी और है। गत 26 जनवरी के दिन जो जवान लाल किले के परिसर में 15 फीट गहरी खाई में खदेड़े गए, जिन्हें ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई, आज भी दिल्ली के एक बॉर्डर पर एक उपद्रवी प्रदर्शनकारी द्वारा दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ पर तलवार से वार किया गया, ऐसे जवानों के लिए राहुल गाँधी के पास एक भी शब्द नहीं है। क्या दिल्ली पुलिस के ये जवान किसान परिवार से नहीं आते हैं? क्या ये गरीब के बेटे नहीं हैं?”
श्रीमती ईरानी ने कहा,“जब भी संसद में किसानों के मुद्दे पर बहस होती है तो श्री गाँधी संसद से गायब रहते हैं। जनता द्वारा लगातार नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी हताश और निराश हैं। वे वास्तव में वैचारिक दिवालियापन का शिकार हो गए हैं। राहुल गाँधी और कंपनी का केवल एक ही मकसद है – देश में हिंसा और अराजकता फैलाना एवं किसानों की आड़ में अपने राजनीतिक स्वार्थ की सिद्धि करना।”