रीवा(मध्यप्रदेश)14 मार्च ।रीवा (मध्य प्रदेश), 14 मार्च (भाषा) भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश सिंह टिकैत ने रविवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि व्यापारी चला रहे हैं।
टिकैत ने रीवा में किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को राजनीतिक पार्टी नहीं चला रही है। इसे व्यापारी चला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भूख से फायदा उठाने का एक तरह का नया व्यापार आजकल दुनिया में चल रहा है।
टिकैत ने कहा, ‘‘महिलाएं तीज, त्योहार एवं शादियों में एक साल में 17 बार सोना पहनती है। लेकिन आदमी को भूख एक साल में 700 बार लगती है, दिन में दो बार लगेगी भूख।’’
उन्होंने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसलिए उन्होंने (केन्द्र सरकार ने) कहा कि भूख का कारोबार करो। भूख का कारोबार तब होगा, जब अनाज कब्जे में होगा और अनाज पर व्यापार होगा।’’
टिकैत ने कहा, ‘‘14 लाख मीट्रिक टन की विशाल क्षमता वाले गोदाम बनाये गये हैं। इतने बड़े-एड़े गोदाम बनाये गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये गोदाम पहले बनाए गये और केन्द्र सरकार के नये कृषि कानून बाद में आए। इसका मतलब यह है कि यह केन्द्र सरकार किसी (राजनीतिक) पार्टी की नहीं है, बल्कि व्यापारियों की सरकार है। यह कारोबारियों के हाथों की कठपुतली है।’’
किसान नेता ने आगे कहा, ‘‘हमें इससे छुटकारे के लिए आंदोलन चलाना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुराने समय के भाजपा के बड़े नेताओं को भी चुप करा दिया गया है। वे कुछ नहीं बोल रहे हैं। हमें उन्हें भी मुक्त करने के लिए काम करना होगा।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘तीन नए कृषि कानूनों से अकेले किसान ही मुसीबत में नहीं हैं। रेलवे को भी बेच दिया गया है। युवाओं को विद्रोह करना चाहिए था। लेकिन वे सोते रहे और देश बिक गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष कमजोर था। विरोध करने का काम तो विपक्ष का था। लेकिन उसका भी मनोबल गिर गया और उसे भी बोलने नहीं दिया गया। (ज्योतिरादित्य की ओर इशारा करते हुए) विपक्ष के कुछ नेता भाग गये और दूसरी पार्टी में जाकर शामिल हो गये। विपक्ष का एक नेता जवान एवं मजबूत था, उसे भी अपने में शामिल कर दिया।’’
टिकैत ने केन्द्र पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की तारीफ की और कहा कि इसके कारण पिछले 14 वर्षों में देश में गेहूं की कमी नहीं हुई है।
उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये लुटेरे देश में (सत्ता) आ गए हैं। हमें इन लुटेरों से लड़ना होगा। वह लुटेरों का आखिरी बादशाह साबित होगा। हम इस बादशाह को बदलने जा रहे हैं।’’ हालांकि, अपनी टिप्पणी में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
टिकैत ने कहा कि आने वाले दिनों में समाचारों को छापने एवं दिखाने के लिए भी एक सेंसर बोर्ड बना दिया जाएगा।
उन्होंने किसानों से कहा कि जब तक नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक किसान जिलाधिकारी कार्यालयों में बैठकर अपना गेहूं 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचेंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि अपने घरों से बाहर आकर जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करें।
टिकैत ने कहा, ‘‘किसानों का सम्मान और मजदूरों एवं युवाओं का भविष्य दांव पर है। हमें अपने देश को बचाना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन से हटना है तो माफी नामा भर देना। देश बंधन में है, गुजरात बंधन में है। इसे आजाद कराना है।’’ टिकैत ने कहा,‘‘आंदोलन करने पड़ेंगे। किसानों की आजादी की लड़ाई है।’’
किसान नेता राकेश टिकैत बोले:अब पूरे देश में वे जाएंगे और केंद्र सरकार द्वारा किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों के साथ किए गए छल को उजागर करेंगे
इससे पहले प्रयागराज,में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।
पश्चिम बंगाल से प्रयागराज पहुंचे श्री टिकैत ने झलवा स्थित किसान नेता संजय यादव के आवास पर रविवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार सब कुछ उद्योगपतियों को बेचने पर आमदा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई कानून नहीं बनाया जा रहा है, जिससे यह साफ है कि यह सरकार किसान विरोधी है और उनके साथ विश्वासघात किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों काे जागरुक करने और हर वर्ग का समर्थन लेने के लिए वह यात्रा पर निकले हैं। लगातार उनका कार्यक्रम चल रहा है। पूरे देश में वे जाएंगे और केंद्र सरकार द्वारा किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों के साथ किए गए छल को उजागर करेंगे।
किसान नेता ने कहा कि एमएसपी लागू करने से किसान का चावल 1850 रुपये में बिकेगा, लेकिन सरकार इस चावल को 900 रुपये में ही लेना चाहती है। अब किसान अपना चावल सरकार को नहीं देगा। उन्होने कहा कि सरकार न बात सुनने को तैयार है और न बातचीत के लिए। ऐसे में दिल्ली को अभी भी चारों तरफ से घेर कर रखा गया है।
उन्होने कहा जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा और तीन कृषि कानून को रद नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की जबरदस्ती के कारण किसान बर्बाद हो जाएंगे। छोटे-छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे। साप्ताहिक बाजारों का नामोनिशान नहीं रहेगा, जबकि इस कारोबार से देश भर के साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। बंगाल में हो रहे चुनाव के बारे में कहा कि इससे उनको कोई मतलब नहीं है, लेकिन वहां के किसानों को वह जागरुक करके आएं हैं।
उन्होने बताया कि वहां अब केन्द्र सरकार के नुमाइन्दे किसानों से चावल मांगेगी तो वहां के किसान एमएसपी के हिसाब से भुगतान की बात कहेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां से वे मध्य प्रदेश जाएंगे। मध्य प्रदेश की दो रैलियों में शामिल होने के लिए वह बंगाल से यहा पहुंचे। 14 और 15 मार्च को उनका कार्यक्रम है। यहां से वह मध्य प्रदेश के रींवा में हाेने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए दोपहर में चले गये। इसके बाद उड़ीसा, कर्नाटक, हरियाणा और उत्तराखंड जाकर किसानों को जागरुक करने का काम करेंगे।