नयी दिल्ली, 31 जनवरी । भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता नरेश टिकैत ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले कहा था कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है।
टिकैत ने कहा कि सरकार को ‘‘हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है।
टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो। बीच का कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए। वार्ता होनी चाहिए।’’
गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान कई प्रदर्शनकारी लालकिला पहुंच गए थे और वहां अपने धार्मिक झंडे लगा दिए थे।
टिकैत ने कहा, ‘‘26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा थी। तिरंगा हर किसी से ऊपर है। हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे। इसे सहन नहीं किया जाएगा।’’
दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में करीब 40 मामले दर्ज किए हैं और 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस बीच, यूपी गेट पर पड़ोसी क्षेत्रों से आ रहे किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई प्रदर्शनकारियों ने टिकैत से बात करने या उनके साथ सेल्फी लेने के लिए घंटों इंतजार किया।
किसान नेता टिकैत अपने समर्थकों से मिलने और मीडिया से बात करने में व्यस्त रहे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के एक सदस्य ने बताया कि टिकैत पिछले तीन दिन से रोज मात्र तीन घंटे ही सो पा रहे हैं।
भाकियू सदस्य ने कहा, ‘‘इस बीच उन्हें रक्तचाप संबंधी समस्या भी हुई, लेकिन अब वह ठीक हैं।’’
प्रदर्शनस्थल पर किसानों के छोटे समूहों ने तिरंगे लेकर और नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला।