भोपाल, 17 दिसंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि शुरू से उनका यह स्पष्ट दृष्टिकोण रहा कि हमारी सरकार व़िजन की सरकार होगी, टेलीविजन की नहीं।
मध्यप्रदेश सरकार ने अपने एक वर्ष पूरा होने पर यहां मिंटो हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘विजन टू डिलेवरी-रोड मैप 2020-25’ को पेश किया, जिसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में एक गरिमापूर्ण समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में किया गया।
रोडमैप दस्तावेज़ का निर्माण लोगों की सामाजिक-आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं और कम, मध्यम और लम्बे समय के उद्देश्यों को ध्यान में रख लोक-केंद्रित विकास प्रक्रिया के तहत किया गया है।
इसमें सभी नागरिकों विशेषकर महिलाओं, बच्चों, किसानों और अन्य हाशिए वाले समूहों का विकास सुनिश्चित करने पर फोकस किया गया है। यह रोडमैप विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों की जरूरतों के मुताबिक विकास संबंधी प्राथमिकताओं को व्यवस्थित तरीके से शामिल करते हुए विभिन्न स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से उनके क्रियान्वयन के लिए तैयार किया गया है।
श्री कमलनाथ ने ‘विजन टू डिलीवरी रोडमैप 2020–2025’ दस्तावेज के विमोचन में कहा कि हमारा लक्ष्य रहा है कि हमारे कामकाज का जो भी सर्टिफिकेट मिले वह जनता के मिले, प्रचार-प्रसार के आधार पर नहीं मिले। यही कारण है कि हमने दढ़ इच्छाशक्ति के साथ 365 दिन में 365 वचन पत्र के बिन्दुओं को पूरा किया। इसकी गवाह मध्यप्रदेश की जनता है।
कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया कि उन्होंने मध्यप्रदेश के ‘व़िजन डिलेवरी रोडमैप के लोकार्पण समारोह में आने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हे 10 साल तक डॉ सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में काम करने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल पूरा होने में समय नहीं लगता। इस एक साल में ढाई महीने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में निकल गए। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संहालने के बाद महसूस किया कि शासन-प्रशासन में नई सोच, नजरिए और दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यह भी हमारे सामने जरूरत थी कि हम प्रदेश को किस राह पर ले जाएं जिससे समृद्धि की ऊंचाईयों को प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने कई चुनौतियां थी। एक ओर वचन पत्र के वादों को पूरा करना था। दूसरी ओर इसके लिए हमें राशि की आवश्यकता थी। विरासत में खाली तिजोरी मिली थी। कई ऐसी योजनाएँ पूर्ववर्ती सरकार ने अंतिम दिनों में शुरू की थी जिनका बजट में कोई प्रावधान नहीं था। इस भारी-भरकम बोझ के साथ उनके कार्यकाल की शुरूआत हुई थी, जिसे उन्होंने चुनौती के रुप में स्वीकार किया।
श्री कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने डिफॉल्टर किसानों के साथ-साथ चालू खाते वाले किसानों का भी दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ किए। पिछले एक साल में डिफाल्टर और एनपीए खातों के दो लाख तक के कर्ज माफ किए गए। इसी तरह वचन पत्र के 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली देने के वादे को भी हमने निभाया। तेन्दूपत्ता मजदूरी बढ़ाकर 2500 रूपये की है। पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण भी दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हमने सरकार की कार्य संस्कृति और प्रक्रिया में बदलाव लाने का प्रयास किया है। कई ऐसे नियम जो विकास को अवरूद्ध कर रहे थे, उन्हें सरल बनाया, जिसकी बहुत बड़ी आवश्यकता थी। हमारे सामने चुनौती थी कि हमारे प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए जरूरी था कि निवेश आए। निवेश तभी आएगा, जब विश्वास का वातावरण पैदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व़िजन डाक्यूमेंट का हमारा उद्देश्य है कि हम सुनियोजित तरीके से प्रदेश को विकास के उस रास्ते पर ले जाए जो नए परिवर्तन के साथ प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करें। आने वाले समय में हम एक हाथ में वचन-पत्र और दूसरे हाथ में व़िजन डाक्यूमेंट लेकर पूरी मजबूती के साथ उन्हें पूरा करने का काम करेंगे। आज मध्यप्रदेश की पूरी देश में पहचान बने।