नयी दिल्ली 16 अगस्त । सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और उनका अंतिम संस्कार कल शाम राजघाट के निकट स्मृति स्थल में किया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। श्री वाजपेयी के सम्मान में देश में आज से 22 अगस्त तक राष्ट्रीय शोक मनाया जायेगा और इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस अवधि के दौरान कोई सरकारी समारोह आयोजित नहीं किया जायेगा।
श्री वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ राजघाट के निकट राष्ट्रीय स्मृति स्थल में किया जायेगा।
अंतिम संस्कार के दिन केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय और केन्द्रीय उपक्रमों में दोपहर बाद अवकाश रहेगा। राष्ट्रीय शोक की अवधि के दौरान विदेशों में भारतीय मिशनों और उच्चायोंगों पर भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी बाद में पत्रकारों को बताया कि श्री वाजपेयी का अंतिम संस्कार शाम चार बजे राजघाट के निकट राष्ट्रीय स्थल पर किया जायेगा।
भारतीय राजनीति के शिखर पुरूषों में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद आज शाम यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 93 वर्ष थे और कई वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे।
श्री वाजपेयी गत 11 जून से एम्स में भर्ती थे और उन्होंने आज शाम पांच बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली।
एम्स के अनुसार पिछले 36 घंटे से उनकी हालत लगातार बिगड रही थी और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
श्री वाजपेयी के निधन का समाचार मिलते ही देश भर में शोक की लहर दौड़ गयी। केन्द्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।।
उनका अंतिम संस्कार राजघाट के पास कल शाम चार बजे स्मृति स्थल पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा तथा केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय तथा सार्वजनिक उपक्रमों में कल दोपहर बाद आधा दिन का अवकाश रहेगा।
दिल्ली सरकार ने कल सभी सरकारी कार्यालयों एवं स्कूलों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
एम्स से श्री वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके छह कृष्णमेनन मार्ग स्थित आवास पर ले जाया गया जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाताओं को बताया कि कल सुबह नौ बजे श्री वाजपेयी का पार्थिव शरीर दीनदयाल उपाध्याया मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि उनकी अंतिम यात्रा अपराह्न एक बजे शुरू होगी और चार बजे स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत अनेक नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है एवं देश ने एक महान सपूत खो दिया है।
श्री कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा, “भारतीय राजनीति की महान विभूति श्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान से मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका विलक्षण नेतृत्व, दूरदर्शिता तथा अद्भुत भाषण शैली उन्हें एक विशाल व्यक्तित्व प्रदान करते थे। उनका विराट एवं स्नेहिल व्यक्तित्व हमारी स्मृतियों में बसा रहेगा।”
श्री नायडू ने श्री वाजपेयी को अजातशत्रु बताते हुए कहा, “वह हमारी पीढ़ी के प्ररेणास्रोत रहे और देश के असंख्य नागरिकों के साथ प्रेरक गुरु का अभाव मैं स्वयं महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि राजनीति के ‘अजातशत्रु’ के निधन बाद राजनीति का स्वर्णिम अध्याय समाप्त हो गया है।
श्री मोदी ने भावपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।”
उन्होंने श्री वाजपेयी की ही कविता की कुछ पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि वह हमें कहकर गये हैं- “मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं, मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?” प्रधानमंत्री ने लिखा, “अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे।”
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत ने एक महान सपूत खो दिया है और इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष में एक तर्कसंगत आलोचक और प्रधानमंत्री के रूप में सबकी सहमति प्राप्त करने वाले नेता रहेे। श्री वाजपेयी सही अर्थों में लोकतांत्रिक व्यक्ति थे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि श्री वाजपेयी को लंबे समय तक याद किया जायेगा, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया। वह एक प्रखर वक्ता, असाधारण सांसद, महान प्रधानमंत्री और देश के शिखर नेताओं में से एक थे।
श्री वाजपेयी के पूरे सार्वजनिक जीवन के दौरान अभिन्न सहयोगी एवं घनिष्ठ मित्र रहे श्री आडवाणी ने अपने संदेश में कहा, “मेरे पास अपना गहरा दुख और शोक व्यक्त करने के लिए आज शब्द नहीं हैं। देश के सबसे कद्दावर राजनेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर हम सभी शाेकाकुल हैं। मेरे लिए अटल जी मेरे वरिष्ठ सहयोगी से अधिक थे और वास्तव में वह 65 साल से अधिक समय तक मेरे घनिष्ठतम मित्र रहे।”
श्री शाह ने कहा कि अटल जी की छवि इस देश के एक ऐसे जनप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी, जिसने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और राष्ट्र हितों से समझौता किये बगैर बेदाग राजनीतिक जीवन जिया। यही वजह रही कि देश की जनता ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं से बाहर जाकर उन्हें प्यार और सम्मान दिया। जहां एक तरफ श्री वाजपेयी ने विपक्ष के रूप में जन्मी पार्टी के संस्थापक और सर्वोच्च नेता के तौर पर संसद और देश में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाई वहीं प्रधानमंत्री की भूमिका में राष्ट्र को एक निर्णायक नेतृत्व भी प्रदान किया। अटल जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।
श्री गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “देश ने आज एक महान सपूत खो दिया। श्री वाजपेयी का लाखों लोग सम्मान करते थे। हमें उनकी बहुत याद आयेगी।”attacknews.in