कोलकाता/नयी दिल्ली, 13 अगस्त। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी का आज सुबह यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
लोकसभा के 10 बार सदस्य रह चुके चटर्जी 89 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी रेणु, एक बेटा एवं दो बेटियां हैं।
अधिकारी ने बताया कि चटर्जी को कल ‘‘दिल का हल्का दौरा’’ पड़ा था जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। आज सुबह करीब सवा आठ बजे उनका निधन हो गया।
चटर्जी को किडनी से संबंधित बीमारी थी। उन्हें बीते मंगलवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अधिकारी ने बताया, ‘‘उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और बीती रात से उनपर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा था। आज सुबह करीब सवा आठ बजे उनका निधन हो गया।’’
उनका पार्थिव शरीर राज्य विधानसभा ले जाया गया जहां उसे तोपों की सलामी दी गयी। इसके बाद पार्थिव शरीर उनके घर ले जाया गया।
अपने अधिकतर जीवन में माकपा से जुड़े रहे चटर्जी ने अपना शरीर चिकित्सा विज्ञान को दान में दे दिया था।
इसलिए उनका शव बाद में आज सरकार संचालित एसएसकेएन अस्पताल को सौंप दिया जाएगा।
चटर्जी का इलाज कर रहे एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, सेप्सिस हो गया था, गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था। इसके अलावा उन्हें सांस की दिक्कत हो गई थी।
चटर्जी को कल सुबह दिल का दौरा पड़ा था। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था।
लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष को पिछले महीने मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ था।
उनका पिछले 40 दिन से इलाज चल रहा था और स्वास्थ्य में सुधार होने के चलते उन्हें तीन दिन के लिए अस्पताल से छुट्टी भी दी गई थी।
अधिकारी ने बताया कि पिछले मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दस बार लोकसभा के सांसद रहे चटर्जी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य थे। वह 1968 में माकपा में शामिल हुए थे।
वह वर्ष 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे।
माकपा के संप्रग-एक सरकार से समर्थन वापस ले लेने के बावजूद चटर्जी ने लोकसभा के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। इस वजह से वरिष्ठ नेता को वर्ष 2008 में माकपा से निष्कासित कर दिया गया था। चटर्जी ने 23 जुलाई 2008 को अपनी जिंदगी का सबसे दुखद दिन बताया था।
विभिन्न दलों के नेताओं ने चटर्जी के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें भारतीय राजनीति को समृद्ध करने वाला असाधारण सांसद बताया।
उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह भारतीय राजनीति के एक कद्दावर नेता थे।
मोदी ने कहा, “ उन्होंने हमारे संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया और वह गरीब तथा कमजोर तबके के कल्याण के लिए एक मुखर आवाज थे।”
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार तथा समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कहा कि चटर्जी अपने आप में एक संस्था थे और सभी पार्टियों के लोग उनका बहुत अधिक सम्मान एवं प्रशंसा करते थे।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने कहा, “वह एक असाधारण मनुष्य थे, एक विशिष्ट सांसद और बेहद स्पष्ट सोच वाले लोकसभा अध्यक्ष थे। मेरी संवेदनाएं उनके शोकसंतप्त परिवार के साथ हैं।”
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमनाथ चटर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया और निचले सदन के अध्यक्ष के रूप में चटर्जी के कार्यकाल को अपने लिए दिशा प्रदान करने वाला बताया।
चटर्जी के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए महाजन ने कहा कि वह दूसरी विचारधारा से थे, लेकिन उनके प्रति हमेशा दयालु रहे।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जिस दिन मैंने पहली बार संसद में प्रवेश किया, मैं तभी से सोमनाथ दा का अवलोकन कर रही थी और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। वह मेरे बड़े भाई थे।’’
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चटर्जी के कार्यकाल को अपने लिए दिशा प्रदान करने वाला बताया और कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर स्थापित किया कि अध्यक्ष पद राजनीति से ऊपर है।
महाजन ने कहा कि वह चटर्जी के संपर्क में थीं और उनसे कई बार मुलाकात की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चटर्जी के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ (दा) के निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं प्रशंसकों के साथ है। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने भी चटर्जी के निधन पर शोक प्रकट किया है।
माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, “यह हमारे लिए बड़ा धक्का है। आज पश्चिम बंगाल ने अपना संरक्षक खो दिया।attacknews.in