नयी दिल्ली/भोपाल ,26 जून । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) पर लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के ‘शाही राजवंश’ को इस बेरोकटोक लूट के लिए माफी मांगनी चाहिए।
आरजीएफ को चीन से मिले दान के भाजपा के आरोपाें पर कांग्रेस पर निशाना साध रहे श्री नड्डा ने शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) के पैसे आरजीएफ में हस्तांरित किये जाने को लेकर पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘पीएमएनआरएफ संकट में लोगों की मदद करने के लिए बनाया गया था लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में आरजीएफ को पैसे दान किए जा रहे थे। पीएमएनआरएफ के बोर्ड में कौन बैठा था? सोनिया गांधी। आरजीएफ का अध्यक्ष कौन है? सोनिया गांधी। पूरी तरह से निंदनीय, नैतिकता और प्रक्रियाओं की उपेक्षा तथा पारदर्शिता को लेकर किसी को फिक्र नहीं।”
एक अन्य ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘भारत के लोगों ने अपने साथी नागरिकों को जरूरत के समय मदद करने के लिए अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को पीएमएनआरएफ में दान किया था। इस सार्वजनिक धन को एक परिवार द्वारा संचालित फाउंडेशन में हस्तांतरित करना न केवल एक संगीन धोखाधड़ी है बल्कि भारत के लोगों के लिए एक बड़ा धोखा भी है।”
उन्होंने कहा ,”एक परिवार की पैसे के लिए भूख की देश को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। कांग्रेस के शाही राजवंश को अपने स्वार्थ के वास्ते बेरोकटोक लूट के लिए अवश्य माफी मांगनी चाहिए।”
कमलनाथ यह स्पष्ट करें, वे भारतीय हैं या चीन के एजेंट? : प्रभात झा
भोपाल से खबर है कि, हाल ही में देश के पत्रकारों ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से राशि मिलने का बड़ा खुलासा किया है। इसमें तत्कालीन वाणिज्य मंत्री के तौर पर कमलनाथ की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कई वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करके उनके चीन से आयात की मंजूरी दी, जबकि वे चीजें देश में ही भरपूर मात्रा में उपलब्ध थीं। यदि यह कहा जाए कि कमलनाथ जी चीन के एजेंट के रूप में वाणिज्य मंत्री बन कर कार्य कर रहे थे तो कोई गलत नहीं होगा। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को देश को यह बताना चाहिए कि उनकी निष्ठा भारत के प्रति है या वे चीन के एजेंट हैं ? यह बात शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी श्री झा ने नए खुलासे के लिए देश के पत्रकारों को बधाई देते हुंए कहा कि हम सभी जानते हैं कि इस समय सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है। आसार अच्छे नहीं दिख रहे हैं, ऐसे समय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चीन की भाषा क्यों बोली जा रही है। क्या, कभी कोई भारतीय इस तरह चीन की भाषा बोल सकता है? कांग्रेस की यह जो चीनभक्ति है, वह राष्ट्रभक्ति पर भारी दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि इस खुलासे के बाद अब इस रहस्य पर से पर्दा उठ गया है।
कमलनाथ की बड़ी भूमिका
श्री झा ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से पैसे मिलने के मामले का जो रहस्योद्घाटन हुआ है, इसमें सबसे बड़ी भूमिका मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सामने आई है। कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते के अनुसार उन चीजों का भी आयात किया गया, जो देश में बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। वाणिज्य मंत्री रहते हुए कमलनाथ ने ऐसी कई वस्तुओं पर आयात शुल्क 40 से 200 प्रतिशत तक कम कर दिया। इस तरह से चीन की कंपनियों को जो अवैध कमाई हुई, उसी में से कुछ पैसे से कांग्रेस की आर्थिक मदद की गई और राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया गया। श्री झा ने कहा कि यह राष्ट्र के प्रति अपराध है और इसके जिम्मेदार तत्कालीन वाणिज्य मंत्री कमलनाथ हैं। श्री झा ने कहा कि इस मामले में कमलनाथ की भूमिका दस्तावेजों में दर्ज है, जो सार्वजनिक कर दिए गए हैं।
कमलनाथ जवाब दे
कांग्रेस और चीन के संबंधों के बारे में हुए इस खुलासे के बाद कमलनाथ की भूमिका संदिग्ध हो गई है, इसलिए उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भाजपा गांव-गांव, गली-गली में यह प्रचारित करेगी कि आखिर राहुल गांधी चीन की भाषा क्यों बोलते हैं, राहुल चीनी दूतावास में जाकर क्या-क्या बातें करते हैं? राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से कितने पैसे आते हैं और क्यों आते हैं?