श्रीनगर, 17 फरवरी । जम्मू कश्मीर का वर्ष 2019 में विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद वहां स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय संघ के दूतों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर केंद्र शासित प्रदेश पहुंचा।
अधिकारियों ने इस बारे में बताया।
अधिकारियों ने बताया कि 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्र शासित प्रदेश पहुंचा।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल के बृहस्पतिवार को जम्मू का दौरा करने की योजना है।
जमीनी हालात का आकलन करने के लिए विभिन्न देशों के राजदूत दो-दिवसीय यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे।
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35-ए को समाप्त किये जाने के बाद से विदेशी देशों के राजदूतों का जम्मू-कश्मीर का यह तीसरा दौरा है।
जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त 2019 को 4-जी इंटरनेट सेवा बहाल होने और जिला विकास आयोग (डीडीसी) अध्यक्षों के चुनाव के बाद से विदेशी राजदूतों का यह पहला दौरा है।
विदेशी दूतों ने की मेयर समेत विभिन्न वर्गाें से मुुलाकात
जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात का आकलन करने के लिए 23 विभिन्न देशों के राजदूतों ने अपने दो-दिवसीय दौरे के दौरान बुधवार को श्रीनगर के मेयर जुनैद जीम मट्टू और जिला विकास परिषद (डीडीसी) के नवनिर्वाचित सदस्यों एवं नगर निकायों के सदस्यों से मुलाकात की।
केंद्र की ओर से पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त किये जाने, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने तथा तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती समेत सभी मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में लिये जाने के बाद विभिन्न देशों के दूतों का यह तीसरा दौरा है।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद, 23 सदस्यीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के एक सरकारी कॉलेज में ले जाया गया, जहां उन्हें पंचायत और डीडीसी सहित स्थानीय निकायों के सुदृढ़ीकरण के बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के मद्देनजर श्रीनगर शहर और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इस प्रतिनिधिमंडल में आयरलैंड, फ्रांस, मलेशिया, ब्राजील, इटली, फिनलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, सेनेगल, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, घाना, एस्टोनिया, बोलीविया, मलावी, इरिट्रिया, आइवरी कोस्ट और बांग्लादेश के प्रतिनिधि शामिल हैं। किसी भी प्रदर्शन को रोकने के लिए हवाई अड्डे की सड़क पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है जबकि मंगलवार को हवाई अड्डे की सड़क पर सुरक्षा बल के बंकर को हटा दिया गया था।