नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर।अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के पहले कश्मीर दौरे के तहत 27 यूरोपीय सांसदों का एक दल मंगलवार को वहां की यात्रा करेगा। घाटी की स्थिति के बारे में पाकिस्तानी दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए सरकार की यह एक प्रमुख कूटनीतिक पहल है जिसके तहत इन नेताओं को ‘‘स्वयं ही चीजों को देखने’’ की अनुमति दी गयी है।
यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से उन्हें बताया कि आतंकवाद का समर्थन और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि आतंकवाद के संबंध में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार को इन सांसदों को पाकिस्तान से पनपने वाले सीमा पार आतंकवाद, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के दर्जे में किए गए संवैधानिक बदलाव और घाटी की स्थिति से अवगत कराया।
डोभाल ने यूरोपीय सांसदों के लिए दोपहर का भोज दिया। इसमें कुछ कश्मीरी नेता भी शामिल हुए जिनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर बेग, पूर्व पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी, राज्य में प्रखंड विकास परिषद (बीडीसी) के कुछ नव-निर्वाचित सदस्य और रीयल कश्मीर फुटबॉल क्लब के सह- मालिक संदीप चट्टू भी शामिल थे।
अगस्त में सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की यह पहली यात्रा है। यह यात्रा कश्मीर की स्थिति पर यूरोपीय संसद में हुयी बहस के कुछ हफ्ते बाद हो रही है, जिसमें वहां की स्थिति को लेकर चिंता जतायी गयी थी।
अधिकारियों का यहां मानना है कि इस दौरे से सांसदों को पाकिस्तान के ‘‘झूठे विमर्श’’ का शिकार होने के बदले खुद से चीजों को देखने का अवसर मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा। दो दिवसीय यात्रा के दौरान, वे राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। उनके मीडिया के साथ बातचीत करने की भी संभावना है।
प्रतिनिधिमंडल में इटली के फुल्वियो मार्तुसिएलो, ब्रिटेन के डेविड रिचर्ड बुल, इटली की जियाना गैंसिया, फ्रांस की जूली लेंचेक, चेक गणराज्य के टामस डेकोवस्की, स्लोवाकिया के पीटर पोलाक और जर्मनी के निकोलस फेस्ट शामिल हैं।
डेकोवस्की ने कहा, ‘‘यह (अनुच्छेद 370 का हटाया जाना) भारत का आंतरिक मामला है क्योंकि कश्मीर इसका हिस्सा है। यह भारत सरकार का विशेषाधिकार है कि वह आंतरिक फैसला करे। हम इस पर भारत के साथ हैं।’’
डेकोवस्की ने पिछले महीने यूरोपीय संसद के मासिक समाचार पत्र में अपने एक लेख में कहा था कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से कश्मीर में सक्रिय कई आतंकवादी संगठनों को जड़ से उखाड़ने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उस लेख के बाद मुझे पाकिस्तान से कई नफरत भरे मेल मिले।’’
पोलाक ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान दोनों को इस क्षेत्र में तनाव से बचने के लिए बातचीत करनी चाहिए।’’
एक अन्य सांसद ने कहा कि डोभाल द्वारा दी गयी जानकारी काफी ‘‘सूचनात्मक’’ थी।
प्रधानमंत्री ने ईयू सांसदों से कहा : आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
मोदी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे से पहले यह मुलाकात की।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मोदी ने उम्मीद जतायी कि सांसदों का देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा उपयोगी होगा और जम्मू कश्मीर की यात्रा से उन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ हो सकेगी।
प्रधानमंत्री ने यह उम्मीद भी जतायी की कि इससे उन्हें क्षेत्र के विकास और शासन की प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि आतंकी गतिविधियों का समर्थन या प्रायोजन करने वाले तथा आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
उन्होंने व्यापार करने में सुगमता संबंधी रैंकिंग में सुधार का भी जिक्र किया जो 2014 में 142 थी और अब 63 हो गयी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विशाल आकार, जनसांख्यिकी और विविधता वाले देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि शासन प्रणाली आज लोगों को आकांक्षा वाली दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम बना रही है।
मोदी ने सभी भारतीयों के लिए जीवन जीने में सुगमता सुनिश्चित करने पर भी सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने को रेखांकित किया।
उन्होंने स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत सहित सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता का जिक्र किया।
मोदी ने वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले यानी 2025 तक टीबी खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी चर्चा की जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ाना और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ आंदोलन शामिल हैं।
यूरोपीय नेताओं के जम्मू-कश्मीर दौरे पर बोले राहुल: ‘कुछ न कुछ बहुत गलत है’:
यूरोपीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में ‘कुछ न कुछ बहुत गलत है।’
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यूरोप से आए सांसदों का जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के लिए स्वागत है जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है। कुछ न कुछ ऐसा है जो बहुत गलत है।’
यूरोपीय संघ के 27 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाला है। यह शिष्टमंडल अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद वहां की स्थिति का आकलन करेगा।
ये सांसद जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनके अनुभव जानना चाहते हैं।