Home / खेलकूद / बहुत मुश्किल था महेंद्र सिंह धोनी बनना : पल दो पल की नहीं, युगों तक याद रखी जाने वाली है कहानी जिसने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा attacknews.in

बहुत मुश्किल था महेंद्र सिंह धोनी बनना : पल दो पल की नहीं, युगों तक याद रखी जाने वाली है कहानी जिसने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, 16 अगस्त । चार मिनट के जज्बाती वीडियो के नेपथ्य में बजते ‘मैं पल दो पल का शायर हूं , पल दो पल मेरी कहानी है ’ गीत के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कहानी कुछ पलों की नहीं बल्कि क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिये दर्ज होने वाली कामयाबी की गाथा है ।

रांची जैसे छोटे शहर से निकलकर महानगरों में सिमटे क्रिकेट की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना अलग मुकाम बनाने वाले धोनी ने युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला दिया । दो विश्व कप जीतने वाले धोनी के कैरियर के आंकड़े बताते हैं कि इरादे मजबूत हो तो क्या हासिल किया जा सकता है ।

सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद एक दिन अचानक टेस्ट क्रिकेट को उन्होंने यूं ही अलविदा कह दिया था जब वह टेस्ट मैचों का शतक बनाने से दस मैच दूर थे ।

इसके पांच साल और सात महीने बाद 15 अगस्त को जब देश आजादी के 74 साल पूरे होने का जश्न मना रहा तो शाम को धोनी ने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये ।’’

तनाव और दबाव के बीच कभी विचलित नहीं होने वाले धोनी ही ऐसा कर सकते थे । देश को 28 बरस बाद वनडे विश्व कप जिताने के बाद निर्विकार भाव से पवेलियन का रूख करने वाला कप्तान बिरला ही होता है ।

अपने जज्बात कभी चेहरे पर नहीं लाने वाले धोनी के निजी फैसले यूं ही अनायास आये हैं । उन्हें जानने वाले भी ये दावा नहीं कर सकते कि उनके भीतर क्या चल रहा है । क्रिकेट के मैदान पर उनका जीवन खुली किताब रहा है लेकिन निजी जिंदगी के पन्ने उन्होंने कभी नहीं खोले जिसमें वह सोचते और फैसले लेते आये हैं ।

विश्व कप सेमीफाइनल में रन आउट होने के बाद से पिछले एक साल में उन्हें लेकर तरह तरह की अटकलें लगी लेकिन उन्होंने चुप्पी नहीं तोड़ी ।

धोनी की कहानी सिर्फ क्रिकेट की कहानी नहीं बल्कि क्रिकेट की दुनिया में आये बदलाव की भी कहानी है । बड़े शहरों में क्रिकेट खेलते लड़कों को देखकर हाथ में बल्ला या गेंद थामने की इच्छा रखने लेकिन उन्हें पूरा कर पाने का हौसला नहीं रखने वाले अपनी पीढी के लाखों युवाओं के वह रोलमॉडल बने ।

परंपरा से हटकर सोचना और हुनर पर भरोसा रखना उनकी खासियत रही । यही वजह है कि टी20 विश्व कप 2007 फाइनल में उन्होंने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर थमाया जिनका कोई नाम भी नहीं जानता था । उस मैच ने शर्मा को हीरो बना दिया ।

धोनी उस शहर से आते हैं जहां युवाओं का लक्ष्य आईआईटी, जीई या यूपीएससी की तैयारी करना रहा करता था लेकिन उनके बचपन के कोच केशव रंजन बनर्जी के अनुसार धोनी की कहानी ने यह सोच बदल दी ।

भारतीय क्रिकेट उनका सदैव ऋणी रहेगा ।

मीडिया से उनका खट्टा मीठा रिश्ता रहा है । कभी किसी को कोई ‘एक्सक्लूजिव’ उनसे नहीं मिला और आम प्रेस कांफ्रेंस में भी सवाल का जवाब वह कई तरह से देने में माहिर थे । विश्व कप 2015 सेमीफाइनल मैच के बाद उन्होंने कहा था ,‘‘ मैं हमेशा बाबा (तत्कालीन टीम मैनेजर) से कहता हूं कि मीडिया आपके काम से खुश है तो इसका मतलब है कि आप अपना काम ठीक से नहीं कर रहे ।’’

आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले में धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स का नाम आने के बाद मुंबई में 2013 में चैम्पियंस ट्राफी के लिये टीम की रवानगी से पहले उन पर सवालों की बौछार होती रही लेकिन गरिमामय मुस्कान से उन्होंने जवाब दिया ।

कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि उनके कप्तान हमेशा धोनी रहेंगे और इस धुरंधर की मौजूदगी ने विराट का काम हमेशा आसान किया ।

भारतीय क्रिकेट में कई महान खिलाड़ी हुए और आगे भी होंगे लेकिन अपनी शर्तों पर अपने कैरियर की दिशा तय करने वाले ‘कैप्टन कूल ’ धोनी जैसा कप्तान और खिलाड़ी सदियों में एक पैदा होता है ।

धोनी ने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा:

अपनी लाजवाब कप्तानी और ‘फिनिशिंग’ के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया ।

वह हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलेंगे जो 19 सितंबर से यूएई में आयोजित की जा रही है ।

गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया ।

धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद । शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये ।’’

इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिये चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे ।

बीसीसीआई ने एक बयान में उनके कैरियर की ऐतिहासिक उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा ,‘‘ इस शानदार विरासत को दोहरा पाना मुश्किल होगा ।’’

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा ,‘‘ यह एक युग का अंत है । क्या शानदार क्रिकेटर रहा है देश के लिये और दुनिया के लिये । मैदान पर बिना किसी मलाल के उसने अलविदा कहा ।’’

बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा ,‘‘ जब उन्होंने खेलना शुरू किया था , तब से आज तक खेल को बहुत कुछ देकर वह जा रहे हैं ।’’

बोर्ड ने लिखा कि धोनी ने अपने शांतचित्त रवैये , खेल की बेहतरीन समझा और शानदार नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया ।

धोनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल खेला था ।

विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रन आउट हो गए थे । उस मैच के बाद वह लंबे ब्रेक पर चले गए थे और पिछले एक साल से उनके संन्यास को लेकर लग रही अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया ।

‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है । भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले ।

कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही ।

उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाये । टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38 . 09 की औसत से 4876 रन बनाये और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई ।

आंकड़ों से हालांकि धोनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता । धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था ।

वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे । इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये ।

दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए ।

आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये । चेन्नई टीम के सीईओ काशी विश्वनाथ ने हाल ही में कहा था कि वह कम से कम 2022 तक टीम के लिये खेलते रहेंगे ।

पिछले साल धोनी ने प्रादेशिक सेना में अपनी यूनिट को सेवायें दी जिसमें वह मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल है । इसके साथ ही रांची में जैविक खेती भी की और कुछ मौकों पर नेट पर अभ्यास करते भी नजर आये ।

धोनी के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म ‘ एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी ’ भी बनी जिसमें दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का किरदार निभाया था । राजपूत जून में मुंबई स्थित अपने आवास में मृत पाये गए थे और उनका परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है ।

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