नयी दिल्ली, 27 मार्च । पश्चिम बंगाल की 30 और असम की 47 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण में शनिवार को हुए मतदान में क्रमश: 79.79 प्रतिशत और 72.14 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों राज्यों की कुल 77 विधानसभा सीटों के लिए 21 हजार 825 मतदान केंद्रों पर पहले चरण का मतदान कराया गया।
पश्चिम बंगाल की 30 सीटों के लिए 10 हजार 288 मतदान केंद्र बनाये गये थे, जिन पर 74 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि असम की 47 सीटों के लिए 81 लाख मतदाताओं ने 11 हजार 537 मतदान केंद्रों पर वोट किये।
कोरोना महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1000 किया गया था, जिसके कारण मतदान केंद्रों की संख्या बढाई गयी है।
आयोग के अनुसार, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए 50 फीसदी से अधिक संवेदनशील मतदान केंद्रों पर लाइव मोनिटरिंग और वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गयी थी। पश्चिम बंगाल में 5392 मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग का प्रबंध किया गया था, वहीं असम में ऐसे मतदान केंद्रों की संख्या 5039 थी।
पहले चरण के मतदान की अधिसूचना के दिन से अब तक दोनों राज्यों में 281 करोड़ 28 लाख रुपये की रिकॉर्ड बरामदगी की गयी है, जिसमें नकद राशि, शराब, मादक पदार्थों और मुफ्त उपहार आदि शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में पहले चरण का 80 प्रतिशत मतदान
पश्चिम बंगाल में शनिवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में छिटपुट हिंसा के बीच करीब 80 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने चार दशकों में पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण मतदान के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया।
मीडिया को संबोधित करते हुए श्री विजयवर्गीय ने दावा किया कि करीब 90 प्रतिशत मतदान शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने सभी अपराधियों को पकड़ने की मांग की है।
चुनाव अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र के कई मतदान केन्द्रों के बाहर मतदान शुरू होने से पहले लम्बी कतारें देखी गईं। तेज गर्मी के बावजूद मतदाता बढ़-चढ़कर मतदान किया। राज्य में छिटपुट हिंसा की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
इस बीच, भाजपा नेता और सुवेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी पर हमले के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला है।
सौमेंदु ने कहा, “हमने चुनाव आयोग से कहा है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान होना चाहिए। तृणमूल डर गई है। हमने चुनाव आयोग को कार्रवाई करने के लिए कुछ नाम दिए हैं।”
इस बीच राज्य की सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस ने मतदान के आंकड़ों में गड़बड़ी के आरोप लगाया हैं। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने तो इस संबंध में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा है कि मतदान के आंकड़े बदलना चुनाव आयोग के डाटा पर सवाल खड़े करता है।