नयी दिल्ली, 22 अप्रैल। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने निर्वाचन आयोग की इस रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेते हुये कहा कि इसकी एक प्रति फिल्म निर्माता को भी उपलब्ध करायी जाये। पीठ इस मामले में 26 अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह अपने आदेश पर फिर से विचार करे और पूरी फिल्म देखने के बाद इस मामले में कोई सुविचारित निर्णय ले।
इस मामले में फिल्म निर्माता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि निर्वाचन आयोग ने पूरी फिल्म देखे बगैर ही इसके प्रोमो के आधार पर अपना आदेश दिया है। आयोग ने लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक इस फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
निर्वाचन आयोग के वकील अमित शर्मा ने दलील दी थी कि चूंकि पूरी फिल्म उपलब्ध नहीं थी, इसलिए इसका ट्रेलर देखने के बाद ही इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।
आयोग ने कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों की शिकायत के मद्देनजर इस फिल्म के प्रदर्शन की तारीख से एक दिन पहले ही 10 अप्रैल को इस पर रोक लगा दी थी।
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