नयी दिल्ली, एक मई ।चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर विशिष्ट दिशानिर्देशों के साथ चुनाव कराने को मंज़ूरी दे दी है।
आयोग ने शुक्रवार को ट्वीटर पर यह जानकारी दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अनुरोध पर आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनज़र चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए ढील देने का फ़ैसला किया है।
आयोग ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त सीटों पर कोरोना के मद्देनज़र विशिष्ट दिशानिर्देशों के तहत चुनाव कराया जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि ये सीटें 24 अप्रैल को रिक्त हुई हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने की संवैधानिक अनिवार्यता को देखते हुए आयोग ने यह फ़ैसला किया है।
आयोग के इस फ़ैसले से ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ़ हो जाएगा ।
संविधान के मुताबिक़ उनके लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य बनने की अनिवार्य समयसीमा इस महीने के अंत में समाप्त हो रही है।
कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था ।
राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं। हालाँकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव 21 मई को
महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 21 मई को होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा तथा सुशील चन्द्र ने अमेरिका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इन सीटों के चुनाव की समीक्षा कर शुक्रवार को यह निर्णय लिया।
लॉकडाउन के कारण ये तीनों अधिकारी अमेरिका में फंसे हुए हैं।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण चुनाव आयोग ने तीन अप्रैल को इन सीटों के चुनाव पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी आयोग को पत्र लिखकर बताया कि राज्य में चुनाव के लिए परिस्थितियां और पर्याप्त प्रबंध व्यवस्था है। इस बीच राजनीतिक दलों ने भी यह चुनाव कराने की मांग की थी। इस सारे हालात का जायजा लेकर आयोग ने स्थिति की समीक्षा की और 21 मई को चुनाव कराने का फैसला किया।
गौरतलब है कि ये सीटें 24 अप्रैल से रिक्त पड़ी थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति केवल छह माह तक ही मुख्यमंत्री या मंत्री रह सकता है। उन्होंने 28 नवम्बर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अब छह माह की अवधि 27 मई को पूरी हो रही है। उनका अब दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है।