नईदिल्ली 25 जुलाई।भारतीय निर्वाचन आयोग को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 के तहत कानून के अनुसार चुनावों के संचालन के लिए इनकी देख-रेख, निर्देश एवं नियंत्रण प्रदान करने की जिम्मेदारी प्राप्त हैं जिसके अंतर्गत इसमें किसी भी तरह की अटकलबाजी या बहस में पड़ने की गुंजाइश नहीं रहती है। इसे ही ध्यान में रखते हुए आगामी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
चुनाव आयोग ने बताया कि, समस्त आवश्यक ईवीएम की डिलीवरी 30 सितंबर, 2018 तक कर दी जाएगी, लेकिन वीवीपीएटी की डिलीवरी में देरी होती है क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम पर गठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति आरंभिक खेपों में तकनीकी स्थिरता से जुड़े मुद्दों का विश्लेषण करती है और तदनुसार डिजाइन में आवश्यक सुधारों को शामिल किया जाता है। इसके बावजूद आयोग की ओर से सभी उत्पादन इकाइयों के व्यक्तिगत दौरों सहित उच्चतम स्तर पर निरंतर निगरानी जारी रहने के परिणामस्वरूप सभी वीवीपीएटी की भी डिलीवरी नवंबर, 2018 के आखिर से पहले ही यानी चुनाव पूर्व तैयारियों के लिए आवश्यक समयसीमा के भीतर ही कर दी जाएगी।
वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सभी मतदान केन्द्रों में शत-प्रतिशत आपूर्ति हेतु वीवीपीएटी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से आयोग ने मई, 2017 में 16.15 लाख वीवीपीएटी का ऑर्डर दिया है, जिनका निर्माण पीएसयू निर्माताओं यथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), बेंगलुरू और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद द्वारा किया जाएगा। अब तक 5.88 लाख यूनिटों यानी वीवीपीएटी का उत्पादन पीएसयू द्वारा किया जा चुका है (बीईएल द्वारा 4.36 लाख वीवीपीएटी का और ईसीआईएल द्वारा 1.52 लाख वीवीपीएटी का), जो आपूर्ति की जाने वाली कुल मात्रा का 36 प्रतिशत है।
इस संबंध में मीडिया में आई रिपोर्ट में 19 जून, 2018 के जिस आरटीआई जवाब का उल्लेख किया गया है उसमें उपर्युक्त वर्तमान स्थिति को ध्यान में नहीं रखा गया है। दोनों ही सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) ने आयोग को यह आश्वासन दिया है कि शेष वीवीपीएटी (10.27 लाख) का निर्माण करने के साथ-साथ विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को उनकी आपूर्ति नवंबर, 2018 के आखिर से पहले कर दी जाएगी।
चुनाव आयोग सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों और तकनीकी विशेषज्ञ समिति के साथ समय-समय पर लगातार वीवीपीएटी के उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करता रहा है ताकि ईवीएम और वीवीपीएटी की सभी इकाइयों के डिजायन, उत्पादन और आपूर्ति का सुव्यवस्थि होना और टीईसी द्वारा सुझाए गए फीचरों को शामिल करने के बाद उत्पादन का समय-बद्ध तरीके से पूरा करना सुनिश्चित किया जा सके।
टीईसी की ही देख-रेख में पूरी उत्पादन प्रक्रिया और उत्पादों की गुणवत्ता जांची जा रही है। आयोग के अधिकारी मशीनों के समय से वितरण और चुनाव पूर्व तैयारी पुख्ता करने के लिए रोजाना आधार पर मशीनों के उत्पादन और उनकी आपूर्ति का निरीक्षण कर रहे हैं।
यह कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव-2019 के लिए आवश्यक ईवीएम की अतिरिक्त संख्या (13.95 लाख बैलट इकाई और 9.3 लाख कंट्रोल इकाई ) का उत्पादन सितंबर 2018 तक और वीवीपीएटी का उत्पादन नवंबर, 2018 से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
यह जानना भी प्रासंगिक है कि ईवीएम और वीवीपीएटी की पहले स्तर की विस्तृत जांच सहित लोकसभा चुनावों के लिए समग्र और व्यवस्थित तैयारियों से जुड़ी गतिविधियां विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुकी हैं और प्रभावी तरीके से समय पर पूरा हो जाएंगे।
इस बारे में आयोग 2019 में लोकसभा चुनावों के लिए वीवीपीएटी मशीनों की आपूर्ति में किसी भी तरह की आशंका को हर हाल में दूर करेगा। आयोग भविष्य में होने वाले किसी भी आम चुनाव, उपचुनाव और राज्य विधान सभा चुनावों के लिए सौ फीसदी वीवीपीएटी मशीनों की तैनाती के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले बीस वर्षों में निर्वाचन आयोग ने ईवीएम का इस्तेमाल करते हुए 113 राज्य विधानसभा चुनाव और 3 लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक कराए हैं। आयोग ने जून, 2017 से राज्य विधानसभाओं के चुनाव एवं उप-चुनाव और लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ-साथ वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया है। आयोग भविष्य के सभी चुनावों में वीवीपीएटी के इस्तेमाल से चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है।attacknews.in