नयी दिल्ली, 21 मई । चुनाव आयोग ने मतदान के बाद ईवीएम को मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और दुरुपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों से मिली शिकायतों को शुरुआती जांच के आधार पर गलत बताते हुये खारिज कर दिया है।
आयोग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मशीनों को मतगणना केन्द्रों तक ले जाने और रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये संबद्ध राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से तत्काल जांच रिपोर्ट ली गयी। जांच में पाया गया कि जिन मशीनों की शिकायत की गयी है वे रिजर्व मशीनें थीं। इनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था। मतदान के दौरान ईवीएम में तकनीकी खराबी होने पर रिजर्व मशीनों से बदला जाता है।
उल्लेखनीय है कि आयोग ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी तथा बिहार की सारन सीट पर मतदान के बाद ईवीएम के दुरुपयोग की शिकायतों पर कार्रवाई के आधार पर किसी भी तरह की गड़बड़ी और दुरुपयोग की आशंका से इंकार किया।
आयोग ने झांसी में शिकायत की जांच के बाद स्थानीय निर्वाचन अधिकारी के बयान का हवाला देते हुये कहा, ‘‘मतदान में इस्तेमाल हुयी ईवीएम और वीवीपेट को व्यवस्थित रूप से सील करने के बाद मतगणना केन्द्रों पर बने स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सुरक्षित रखा गया है। इन जगहों पर केन्द्रीय पुलिस बल के जवान तैनात हैं। स्ट्रांग रूम को उम्मीदवार और उनके निर्धारित प्रतिनिधि कभी भी देख सकते हैं।’’
आयोग ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किये जाने के आधार पर मशीनों के दुरुपयोग और रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों को गलत बताया।
मतदानयुक्त ईवीएम स्ट्रांगरूम में पूरी तरह सुरक्षित
मीडिया के एक वर्ग में ऐसी शिकायतें आ रही हैं जिनमें कहा गया है कि स्ट्रांगरूम में रखी हुई मतदानयुक्त ईवीएम को कथित रूप से बदलने का प्रयास किया गया है। भारत के निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि ऐसी सभी खबरें और आरोप पूरी तरह झूठे सच्चाई से परे है। मीडिया पर वायरल हो रहे दृश्यों का चुनाव के दौरान इस्तेमाल ईवीएम से कोई लेना-देना नहीं है।
मतदान समाप्त होने के बाद मतदानयुक्त सभी ईवीएम और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा में निर्धारित स्ट्रांगरूम में लाया गया है, जिन्हें उम्मीदवारों और निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में दोहरे तालों से सील किया गया है। स्ट्रांगरूम के स्टोरेज और सीलिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है। मतगणना पूरी होने तक लगातार सीसीटीवी कवरेज की जाएगी। प्रत्येक स्ट्रांगरूम की केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) द्वारा 24 घंटे पहरेदारी की जा रही है। साथ ही उम्मीदवार अथवा उनके मनोनीत एजेंट 24 घंटे स्ट्रांगरूम में मौजूद हैं।
मतगणना के दिन उम्मीदवारों/एजेंटों और पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ स्ट्रांगरूमों को खोला जाएगा। ईवीएम की गणना करने से पहले मतगणना एजेंटों को पतों के टैग, सीलें और ईवीएम की क्रम संख्या दिखाई जाएगी ताकि उनके समक्ष वास्तविक मतदान में इस्तेमाल मशीन की सत्यता और प्रामाणिकता साबित की जा सके।
चुनाव की घोषणा होने के बाद से आयोग के साथ हुई 93 बैठकों में से अनेक में कई मौकों पर राजनीतिक दलों को प्रावधानों और प्रोटोकॉलों की जानकारी दे दी गई थी। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक बार फिर सलाह दी गई है कि वे मतगणना के विस्तृत प्रबंधों के बारे में उम्मीदवारों को जानकारी दें।
इस बात की सराहना की जा सकती है कि आयोग द्वारा जारी विस्तृत प्रशासनिक, सुरक्षा ढांचे और कार्यविधि संबंधी दिशानिर्देशों में सीएपीएफ के साथ-साथ 24 घंटे उम्मीदवारों की देखरेख में निर्धारित स्ट्रांगरूम में रखी गई मतदानयुक्त ईवीएम और वीवीपैट को किसी तरह का नुकसान पहुंचाने अथवा उससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।
मीडिया में इस्तेमाल किए गए क्लिप स्टोरेज अथवा इस्तेमाल नहीं की गई रिजर्व ईवीएम मशीनों को लाने ले जाने से संबंधित है। फिर भी रिजर्व ईवीएम को लाने ले जाने में किसी तरह की कोताही की पूरी तरह जांच की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मतगणना पूरी होने तक ईवीएम से जुड़ी किसी भी शिकायत से निपटने के लिए निर्वाचन सदन में एक ईवीएम नियंत्रण कक्ष 011- 23052123 काम करेगा। यह 22 मई, 2019 को सुबह 11 बजे से काम करने लगेगा।
attacknews.in