नयी दिल्ली, 14 मार्च। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा की घटना के मुख्य आरोपी दक्षिणपंथी नेता मिलिन्द रमाकांत एकबोटे की अग्रिम जमानत याचिका आज खारिज कर दी। इस हिंसा में एक व्यक्ति मारा गया था और एक सौ से अधिक लोग जख्मी हो गये थे।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिका खारिज करते समय महाराष्ट्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी के इस कथन को ध्यान में रखा कि इस घटना में177 व्यक्ति घायल हो गये थे और भीड़ को उकसाने वालों में एकबोटे‘‘ मुख्य व्यक्ति’’ था।
पीठ ने एकबोटे के वकील से कहा, ‘‘ आपके खिलाफ मामला लंबित है। आप सांप्रदायिक हिंसा फैला रहे हैं। यह सब क्या है? आप सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं।’’
एकबोटे के वकील ने कहा कि सरकार पहले ही अदालत में स्थिति रिपोर्ट पेश कर चुकी है और शीर्ष अदालत ने उसे गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। उन्होंने कहा कि एकबोटे पांच बार थाने में जा चुका है लेकिन इसके बावजूद उसे आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
वकील ने जब यह दावा किया कि आरोपी हिंसा के वक्त वहां मौजूद नहीं था तो पीठ ने कहा, ‘‘ आप वहां पर मौजूद हुए बगैर भी समस्या पैदा कर सकते हैं। आपने क्या सोशल मीडिया के बारे में सुना है? अमेरिका में बैठा हुआ व्यक्ति भी यहां यह सब कर सकता है।’’
शीर्ष अदालत ने सात फरवरी को एकबोटे को20 फरवरी तक के लिये गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और राज्य सरकार से उसकी याचिका पर जवाब मांगा था। न्यायालय ने पिछली तारीख पर इस मामले की सुनवाई के दौरान यह संरक्षण आज तक के लिये बढ़ा दिया था।attacknews.in