वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर गाड़ी में रॉबर्ट के साथ मध्य दिल्ली के जामनगर हाउस स्थित एजेंसी के दफ्तर के बाहर तक उनके साथ थीं। इस कदम को लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस विरोधियों के लिये राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके कुछ समय बाद ही प्रियंका ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी का पदभार संभाला। उन्हें 23 जनवरी को इस पद के लिये नामित किया गया था।
अपने पति से ईडी द्वारा पूछताछ किये जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने वाड्रा के प्रति समर्थन जताते हुए कहा, “वह मेरे पति हैं, वह मेरा परिवार हैं… मैं अपने परिवार के साथ खड़ी हूं।”
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के दफ्तर में पत्रकारों ने प्रियंका से पूछा था कि क्या वह पूछताछ के लिए अपने पति को ईडी के दफ्तर छोड़ने के जरिये कोई संदेश देना चाहती हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह राजनीतिक बदला है, उन्होंने कहा कि हर किसी को पता है कि यह क्यों किया जा रहा है।
यह पहला मौका है जब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के सिलसिले में किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं।
मीडियाकर्मियों की भीड़ के बीच से होकर वाड्रा करीब तीन बजकर 47 मिनट पर ईडी के दफ्तर में दाखिल हुए। उनके वकीलों का एक दल पहले ही वहां पहुंच चुका था। पूछताछ के लिए जाने से पहले उन्होंने वहां हाजिरी रजिस्टर पर अपने दस्तखत किये। वाड्रा ने अवैध विदेशी संपत्ति से जुड़े आरोपों से इनकार किया और आरोप लगाया कि राजनीति को साधने के लिये उन्हें ‘‘परेशान’’ किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वाड्रा से लंदन की कुछ अचल संपत्तियों के लेनदेन, खरीद और कब्जे को लेकर ईडी के तीन अधिकारियों के दल ने करीब एक दर्जन सवाल पूछे और उनका बयान धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने वाड्रा को केंद्रीय जांच एजेंसी से सहयोग करने को कहा था। वाड्रा ने मामले में अग्रिम जमानत के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने उनसे लंदन से लौटने के बाद बुधवार को ईडी के समक्ष पेश होने के कहा था।
वाड्रा से पूछताछ को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि संप्रग सरकार के दौरान हुए पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में उन्हें घूस मिली।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वाड्रा को संप्रग सरकार के सत्ता में रहते हुए 2008..09 में पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में लाभ मिला। उन्होंने कहा कि घूस के पैसे से इस पैसे से उन्होंने लंदन में आठ-नौ संपत्तियां खरीदीं। पात्रा ने हालांकि अपने दावों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दिये।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनावी मौसम चल रहा है। हम जानते हैं कि जब सम्मन के जवाब दिए जाएंगे तो संवाददाता सम्मेलन होंगे। वह (वाड्रा) सम्मन के जवाब में वहां गए।’’
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा के पास जांच के लिये पूरे साढ़े चार साल थे लेकिन वे कुछ नहीं खोज सके।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह गुमराह करने की कोशिश है और चुनाव से पहले एक माहौल बनाने की कोशिश है। यह जनता जानती है। ईडी, सीबीआई और दूसरी एजेंसियां पांच साल में कुछ नहीं पा सकीं। यह सिर्फ चुनावी जुमलेबाजी है। ’’
यह मामला लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर पर 19 लाख पाउंड की संपत्ति की खरीद में कथित रूप से धनशोधन के आरोप की जांच से संबंधित है। यह संपत्ति कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा की है।