नयी दिल्ली 27 अगस्त । देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है जो इस साल 01 दिसंबर से प्रभावी होगी, हालाँकि ड्रोन से होम डिलिवरी के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के नियम जारी किये। इन नियमों का प्रारूप पिछले साल एक नवंबर को पेश किया गया था।
श्री प्रभु ने कहा कि यदि बिना नियमन ड्रोनों के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती तो यह समस्या पैदा कर सकती थी। इसलिए सरकार ने पहले नियमन जारी किया है। अभी सामानों की डिलिवरी के लिए इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी, लेकिन अन्य कई उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। केरल में हाल में आयी बाढ़ के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया। कृषि सर्वे में भी ड्रोन उपयोगी हो सकते हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि आपदा राहत, सर्विलांस, सुरक्षा, फोटोग्राफी, सर्वे आदि में इसका इस्तेमाल संभव है।
नागर विमानन महानिदेशालय के प्रस्तुतिकरण में कहा गया है कि भविष्य में पैक सामानों की डिलिवरी की अनुमति दी जा सकती है।
नागर विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सामानों की डिलिवरी की अनुमति नहीं दी गयी है। मौजूदा तकनीकों से ड्रोन की उड़ान पर तो निगरानी रखी जा सकती है, लेकिन उसके द्वारा ले जाये जाने वाले सामान की निगरानी मुश्किल होगी।
आपदा राहत जैसे विशेष उद्देश्यों में सरकारी एजेंसियों को ड्रोन से सामान भेजने की अनुमति भी दी जायेगी। हवाई अड्डों, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं, समुद्री तटों, दिल्ली में विजय चौक तथा राज्यों में सचिवालयों और रणनीतिक इलाकों या सैन्य अड्डों के आसपास ‘नो ड्रोन जोन’ होगा।attacknews.in