नयी दिल्ली/वाशिंगटन , 16 फरवरी । भारतीय उद्योग जगत को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस महीने के आखिर में होने वाली पहली भारत यात्रा के ठोस परिणाम होंगे। उद्योग जगत के मुताबिक इस दौरान दोनों देशों के बीच ‘‘छोटे स्तर’’ पर एक व्यापार समझौता और अमेरिकी कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर निवेश प्रतिबद्धतायें किये जाने की संभावना है।
एक उद्योग संगठन ने शनिवार को कहा कि दोनों देश कुछ खास मुद्दों के समाधान और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।
भारत इस्पात और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों में छूट की मांग कर रहा है। इसके अलावा भारत ने वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत कुछ खास घरेलू उत्पादों पर निर्यात लाभ बहाल करने और कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के उत्पादों को अधिक बाजार पहुंच देने की मांग भी की है।
दूसरी ओर, अमेरिका अपने कृषि तथा विनिर्माण उत्पादों, डेयरी वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों, डेटा स्थानीयकरण क्षेत्र में अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है। उसने कुछ सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों (आईसीटी) पर आयात शुल्क में कटौती की मांग भी की है। इसके अलावा उसने भारत के साथ ऊंचे व्यापार घाटे पर भी चिंता जताई है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “भारतीय उद्योग ने अमेरिका में अपना निवेश और रोजगार सृजन बढ़ाया है, ऐसे में हमें अमेरिका में काम कर रही प्रमुख भारतीय कंपनियों के साथ राष्ट्रपति ट्रंप के संवाद की उम्मीद है।”
उन्होंने बताया कि “छोटे स्तर” पर एक व्यापार समझौता होने की उम्मीद काफी अधिक है, जिससे अधिक व्यापक आर्थिक साझेदारी की आधारशिला तैयार होगी।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “भारत और अमेरिका के व्यापार वार्ताकार द्विपक्षीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान ट्रंप के स्वागत समारोह की मेजबानी करेंगे। ऐसे में दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को एक निर्णायक बढ़त देंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति 25 फरवरी को यहां देश के शीर्ष कारोबारियों से मिलेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में ट्रंप के साथ सीईओ की एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह के साथ ही शीर्ष अमेरिकी कार्यपालक भी शामिल हो सकते हैं।
एक सूत्र ने बताया कि इस बैठक में उद्योगजगत की दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानी, भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल, टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो के अध्यक्ष ए एम नाइक और बायोकॉन की सीएमडी किरन मजूमदार शॉ को नाम होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि नई दि्लली में अमेरिकी दूतावास इस बैठक के लिए इंतजाम कर रहा है और आगंतुकों की सूची मंजूरी के लिए व्हाइट हाउस को भेजी गई है।
ट्रंप की सही समय पर हो रही यात्रा से द्विपक्षीय संबंध में नया दौर शुरू हो सकता है : वर्मा
अमेरिका के पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा सही समय पर हो रही है जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नया दौर शुरू हो सकता है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे लोकतंत्र, मानवाधिकारों, विविधता और कानून की व्यवस्था में प्रतिबद्धता के साझा मूल्यों को अंगीकार करें और उनकी तसदीक करें।
ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा करेंगे। उनके साथ अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप भी आएंगी।
भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘1947 में भारत की आजादी के बाद से अब तक अमेरिका के केवल छह मौजूदा राष्ट्रपतियों ने भारत की यात्रा की, इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा महत्वपूर्ण है और यह सही समय पर हो रही है और इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नया दौर शुरू होने की संभावना है।’’
भारत में 2015 से 2017 तक अमेरिका के राजदूत रहे वर्मा ने कहा, ‘‘पिछले तीन राष्ट्रपतियों की यात्राओं ने न केवल हमारी सुरक्षा और आर्थिक क्षमता को मजबूत किया बल्कि हमारे साझा मूल्यों, लोकतंत्र, मानवाधिकारों, विविधता, कानून की व्यवस्था तथा अधिक शांतिपूर्ण एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर भी ध्यान केंद्रित किया।’’
भारत में अमेरिका के पहले भारतीय मूल के राजदूत रहे वर्मा ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता करीब 60 साल पहले भारत से अमेरिका आए थे। अमेरिका ही है जिसने उनके बेटे को राजूदत बनाकर वापस भेजा और अमेरिका ने लाखों नये आव्रजकों का स्वागत किया।’’
वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपतियों की पूर्व की यात्राओं से सहयोग के नये क्षेत्र खुले, अमेरिकी लोगों का भारत की ओर प्यार देखने को मिला और मजबूत भागीदारी के लिए द्विदलीय समर्थन को देखा गया।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ऐसे एकमात्र राष्ट्रपति रहे जो अपने कार्यकाल के दौरान दो बार भारत आए और भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल हुए। उनकी यात्राओं से रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में ऐतिहासिक प्रगति हुई। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैं प्रत्यक्ष रूप से इस प्रगति का गवाह बना।’’