चेन्नई, / नईदिल्ली सात अगस्त। तमिलनाडु सरकार ने आज विपक्षी द्रमुक को उसके दिवंगत नेता पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया और उसे इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की। सरकार के इस कदम पर विवाद पैदा हो गया है।
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी।
स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी।
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। अतएव सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।
कुछ खबरों में कहा गया है कि सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह देने को अनिच्छुक है क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे।
पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किये गये थे और वहीं उनके स्मारक बनाए गए। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे।
करुणानिधि के पूर्ववर्ती अन्नादुरई का जब निधन हुआ था, तब वह मुख्यमंत्री थे।
द्रमुक कार्यकर्ताओं ने तत्काल ही प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए जगह की मांग की।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:-
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज रात घोषणा की कि द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के निधन के शोक में कल दिल्ली, सभी राज्यों की राजधानियों और पूरे तमिलनाडु में राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) आधा झुका रहेगा।
केन्द्र ने फैसला किया है कि चेन्नई में कल करुणानिधि का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
द्रविड़ नेता के निधन के बाद गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से कल देशभर में शोक मनाया जाएगा। इस दौरान कोई सरकारी कामकाज नहीं होगा
तमिलनाडु के मुख्य सचिव ने कहा कि करूणानिधि के निधन के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार सात दिन का राजकीय शोक रखेगी और इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
तमिलनाडु की राजनीति के करिश्माई व्यक्तित्व वाले नेता का राजनीतिक जीवन करीब सात दशक लंबा रहा। उनके परिवार में दो पत्नियां और छह बच्चे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन उनके पुत्र और राज्यसभा सदस्य कनिमोई उनकी पुत्री हैं।
अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर अरविन्दन सेल्वाराज की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘हमें बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय कलैनार एम. करूणानिधि का सात अगस्त, 2018 को शाम छह बजकर दस मिनट पर निधन हो गया। डॉक्टरों और नर्सों की हमारी टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘हम भारत के कद्दावर नेताओं में से एक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं और परिवार के सदस्यों तथा दुनिया भर में बसे तमिलवासियों का दुख साझा करते हैं।’’
शोक संदेश:
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं ने शोक जताया है।
कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘‘श्री एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। “कलैनार” के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है। उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ।’’
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताते हुए लिखा है कि करूणानिधि ना सिर्फ क्षेत्रीय आकांक्षाओं बल्कि राष्ट्र की प्रगति के लिए भी हमेशा खड़े रहे।
मोदी ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर कई ट्वीट कर अपना शोक जताया। उन्होंने प्रत्येक ट्वीट के साथ करूणानिधि और अपनी तस्वीरें भी साझा की।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया है, ‘‘कलैनार करूणानिधि के निधन से बहुत शोकाकुल हूं। वह भारत के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। कलैनार करूणानिधि क्षेत्रीय आकांक्षाओं सहित देश की प्रगति के लिए भी खड़े रहे। वह हमेशा तमिलों के कल्याण के प्रति समर्पित रहे और सुनिश्वित किया कि तमिलनाडु की आवाज प्रभावकारी तरीके से सुनी जाये।’’?
मोदी ने कहा, वह लोकतांत्रिक विचारों के प्रति समर्पित थे और आपातकाल के खिलाफ उनके कड़े विरोध को हमेशा याद रखा जाएगा।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने जमीन से जुड़े एक ऐसे जननेता, राजनीतिक विचारक, अनुभवी लेखक और राजनेता को खोया है जिनका जीवन गरीबों और वंचित तबकों के कल्याण को समर्पित था।’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों और करूणानिधि जी के असंख्य समर्थकों के साथ हैं। भारत और खास तौर से तमिलनाडु के लोग उन्हें बहुत याद करेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’
मोदी कल करूणानिधि को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचेंगे ।
समर्थकों के हाल हुए बेहाल:-
इससे पहले कावेरी अस्पताल में शाम को एक बुलेटिन जारी कर कहा था कि ‘‘पिछले कुछ घंटों में कलैनार एम करूणानिधि की नाजुक हालत में काफी गिरावट आयी है। अधिकतम चिकित्सीय मदद के बावजूद उनके महत्वपूर्ण अंगों की स्थिति बिगड़ती जा रही है।’’
वैसे तो सैकड़ों की संख्या में द्रमुक समर्थक और कलैनार के प्रशंसक अस्पताल परिसर में पहले से ही मौजूद थे, लेकिन आज शाम साढ़े चार बजे की बुलेटिन में हालत बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद उनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ी।
अपने नेता के बिगड़ते स्वास्थ्य की खबर सुनकर प्रशंसकों और कार्यकर्ताओं के चेहरे की रंगत उड़ गयी। कुछ बेहोश हो गये तो कुछ अपनी छाती पीटने लगे।
लेकिन ईश्वर ने उनकी प्रार्थनाएं नहीं सुनी और शाम छह बजकर दस मिनट पर करूणानिधि ने अंतिम सांस ली।
अस्पताल की ओर से निधन की घोषणा के बाद वहां शमशान सा सन्नाटा पसर गया। भीड़ में से कुछ लोगों ने अपने मोबाइल फोन का टॉर्च जलाकर कलैनार को श्रद्धांजलि दी।
द्रमुक प्रमुख के निधन की सूचना फैलते ही दुकानें बंद हो गयीं और सड़के खाली हो गयीं।
अधिकारियों ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर सबको सचेत कर दिया गया है और कानून-व्यवस्था संबंधी किसी भी परेशानी से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।
करूणानिधि का लंबी बीमारी के बाद आज शाम शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया। कावेरी अस्पताल में भर्ती 94 वर्षीय नेता ने शाम छह बजकर दस मिनट पर अंतिम सांस ली।attacknews.in