देवास 22 जुलाई। देवास के पास छोटे से गांव विजयागंज मंडी में रहने वाले युवक आशाराम चौधरी ने यह सबित कर दिया है कि सफलता सुविधाओं और संसाधनों की मोहताज नहीं होती।
कचरे से पन्नी और खाली बोतलें बीनकर घर चलाने वाले पिता के होनहार बेटे आशाराम ने दो माह पहले आयोजित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) की प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा में साढ़े चार लाख परीक्षार्थियों के बीच 707 वीं अखिल भारतीय और ओबीसी श्रेणी के दो लाख विद्यार्थियों के बीच 141वीं रैंक हासिल की है।
आशाराम ने जोधपुर के एम्स में एमबीबीएस में दाखिला ले लिया है और सोमवार 23 जुलाई से उनकी कक्षाएं शुरू होंगी।
देवास कलेक्टर ने आशाराम की मेडिकल पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की बात कही है।
झोपड़ी में रहकर पाई सफलता :
देवास से 40 किमी दूर विजयागंज मंडी में रंजीत चौधरी और ममता बाई के घर वर्ष 2000 में आशाराम का जन्म हुआ। घर के नाम पर चौधरी परिवार के पास एक झोपड़ी भर है। जमीन है नहीं तो पिता रंजीत पन्नी और खाली बोतलें बीनने के अलावा कभी-कभी खेतों में मजदूरी करते हैं। मां गृहिणी हैं। आशाराम का एक छोटा भाई है, जो नवोदय विद्यालय में बारहवीं की पढ़ाई कर रहा है।
आशाराम की सफलता पर पिता रंजीत कहते हैं कि मेरे लिए तो यह सब सपने जैसा है, क्योंकि इतना तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। मां ममता बाई ने बेटे की सफलता का श्रेय उसकी मेहनत को दिया।
सरकारी स्कूल से हुई पढ़ाई :
आशाराम की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में हुई। चौथी कक्षा में उन्होंने दत्तोतर गांव के मॉडल स्कूल में प्रवेश लिया और छठवीं कक्षा से 10वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय चंद्रकेशर में हुई। यहां दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद नि:शुल्क आवासीय स्कूल दक्षिणा फाउंडेशन पुणे की प्रवेश परीक्षा दी जिसमें उनका चयन हो गया और 11वीं-12वीं की परीक्षा उन्होंने यहीं से पास की। इसी साल मई में एम्स की प्रवेश परीक्षा में चुन लिए गए।
बीपीएल कार्ड के लिए मांगी थी रिश्वत :
आशाराम ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को देते है। वे बताते हैं मुझे पता था कि मेरे पास रुपए नहीं हैं इसलिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर ही आगे पढ़ पाऊंगा, मुझे बीपीएल कार्ड बनवाना था, जिसके लिए सरकारी कर्मचारियों ने रिश्वत मांगी, पैसे तो थे नहीं तो यह बात तत्कालीन एडीएम डॉ. कैलाश बुंदेला को बताई। उसके बाद ही बीपीएल कार्ड बन सका।
राज्य सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च, रेडक्रास ने दी 25 हजार की सहायता :
देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने आशाराम का सम्मान करने के साथ तात्कालिक सहायता के रूप में रेडक्रास द्वारा 25 हजार रुपए का चेक प्रदान किया। कलेक्टर ने कहा कि आशाराम की मेडिकल पढ़ाई की फीस का खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा आशाराम के परिवार को विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित भी किया जाएगा। उनके परिवार को पक्का मकान व शौचालय का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री संबंल योजना के तहत सरल बिजली योजना में बिजली कनेक्शन के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके है।
और भी कई उपलब्धियां हैं
●आशाराम का इसी साल नीट में चयन हुआ।
●वे किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में रिसर्च साइंटिस्ट भी चुने जा चुके हैं।
■जर्मनी के सिल्वर जोन फाउंडेशन संस्थान में भी उनका चयन हो चुका है, जिसमें 332वीं इंटरनेशनल रैंक उन्हें हासिल हुई।
●पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोग्रेसिव मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक मिली।attacknews.in