देवरिया :उप्र:, आठ अगस्त । ‘मैं मां विंध्यवासिनी संरक्षण गृह के कमरे की सफाई कर रही थी । प्रबंधक गिरिजा त्रिपाठी फोन पर व्यस्त थीं । मुझे उस नरक से भागने का मौका मिल गया ।’
यह बात उस लड़की ने कही, जो देवरिया के संरक्षण गृह से रविवार को भागने में सफल हो गयी थी ।
संरक्षण गृह से भागने के बाद लड़की थाने पहुंची थी और संरक्षण गृह के अंदर चल रही चीजों के बारे में बताया।
उसने संरक्षण गृह को ‘‘जेल’’ करार दिया ।
संरक्षण गृह अब सील किया जा चुका है । वहां का दौरा करने पर यह बात सामने आई कि, संरक्षण गृह के पड़ोसियों ने परिसर की बाल्कनी में या बाहर किसी लड़की को कभी नहीं देखा । पुलिस ने संरक्षण गृह से 24 महिला अंत:वासियों को सुरक्षित निकाला ।
पड़ोसियों ने हालांकि यह बताया कि शाम को अकसर संरक्षण गृह में कारें आया करती थीं ।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक संरक्षण गृह में किसी लड़के को नहीं रखा गया था लेकिन 2017 से एक शिशु गृह चल रहा था ।
सात बच्चों, जिनमें से अधिकांश की उम्र दस साल से कम है, के नाम हालांकि पंजीकृत हैं लेकिन पुलिस छापे में कोई नहीं मिला ।
संरक्षण गृह का लाइसेंस जुलाई 2017 में रद्द कर दिया गया था लेकिन स्थानीय पुलिस ने बचायी गयी लड़कियों को संरक्षण गृह भेजना जारी रखा क्योंकि क्षेत्र में लड़कियों के लिए और कोई संरक्षण गृह नहीं था ।
चौरी बाजार पुलिस और बरहज पुलिस ने 26 तथा 27 जुलाई को दो लड़कियां संरक्षण गृह भेजी थीं।
संरक्षण गृह देवरिया रेलवे स्टेशन के सामने है और इसके भवन में कई दुकानें भी हैं । इमारत के बगल में गली है, जिसमें संरक्षण गृह के पीछे के दो दरवाजे खुलते हैं । गली में शराब और बीयर की दुकान भी है।
संवाददाता ने दुकानदारों से बात की । नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक ने बताया कि कारें शाम को आती थीं लेकिन किस मकसद से आती थीं, पता नहीं । वस्तुत: कभी कोई विवाद नहीं हुआ, इसलिए शक नहीं गया ।
पड़ोस के एक दुकानदार ने बताया कि उसने लड़कियों को एक कार से जाते देखा तो लगा कि शायद किसी कार्यक्रम में जा रही होंगी ।
संरक्षण गृह के निकट खडे़ एक व्यक्ति ने बतया कि शाम को कारें आती थीं । अधिकारी जैसे दिखने वाले लोग आते थे । क्यों आते थे, कभी समझ नहीं आया ।
इस संरक्षण गृह में लगभग सात कमरे हैं, रसोई है, शौचालय है और बाल्कनी भी, लेकिन बाहर से कुछ नहीं दिखता ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने देवरिया प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं।
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने माना है कि जिला प्रशासन के स्तर पर लापरवाही हुई है ।attacknews.in