नयी दिल्ली, चार नवंबर।पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर होती समस्या का ठीकरा एक बार फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आदेशों का पालन नहीं कर रही है तथा प्रदूषण के नाम पर सिर्फ विज्ञापनों में पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
रसायन उद्योग जगत द्वारा सोमवार को ‘सतत विकास’ पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद जावड़ेकर ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि प्रदूषण जनता को तकलीफ देने वाली एक वास्तविक समस्या है। केन्द्र सरकार इस दिशा में बेहद गंभीर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को थाईलैंड में होते हुए इस समस्या पर ध्यान दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने देर शाम दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।
उन्होंने सीपीसीबी के आदेशों के पालन में दिल्ली सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सीपीसीबी ने जितने भी आदेश दिए हैं, दिल्ली सरकार उन्हें देखे और उनमें से कितने का पालन किया है, यह बताए।’’
पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने पर रोक नहीं लगने के कारण वायु प्रदूषण का संकट गहराने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल सरकार 22 लाख किसानों में से सिर्फ 40 हजार किसानों को पराली निस्तारण मशीनें देने की दलील दे रही है।
उन्होंने प्रदूषण के नाम पर विज्ञापनों में पैसा बर्बाद करने का केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमने तो पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों को 1100 करोड़ रुपये दिए हैं। दिल्ली सरकार कम से कम 1500 करोड़ रुपये विज्ञापन पर बर्बाद करने के बजाय दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए 1500 करोड़ रुपये किसानों को क्यों नहीं दे रही है।’’
प्रदूषण से निपटने के उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों की अब तक बैठक नहीं बुलाए जाने के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘मैंने ही मंत्री बनने के बाद पांच राज्यों के मंत्रियों और सचिवों की बैठक बुलाकर समस्या के समाधान खोजने की गंभीर पहल की शुरुआत की है। अब तक इस प्रकार की सात आठ बैठकें हो चुकी हैं। नौवीं बैठक भी जल्द ही होगी।’’
उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बुलाई गई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सोमवार को भी राज्यों के सचिव और मुख्य सचिवों की बैठक होगी।
दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से लागू किए गए सम-विषम नंबर नियम सहित इस समस्या से जुड़े किसी अन्य सवाल का जावड़ेकर ने कोई जवाब नहीं दिया। सम-विषम नंबर नियम के समर्थन के सवाल पर उन्होंने इतना ही कहा कि वह इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे नंबर नियम में छूट प्राप्त है।
दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, मुख्यमंत्री ने अन्य मंत्रियों के साथ ‘कार पूल’ की:
इधर दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत सोमवार को सुबह आठ बजे से शुरू हुई वाहनों की सम-विषम योजना के चलते सड़कों पर गाड़ियों की संख्या अपेक्षाकृत कम नजर आई। आज सिर्फ सम संख्या वाली गाड़ियां ही चल रही हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपने परिवार और बच्चों की खातिर इस योजना का पालन करें।
केजरीवाल ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय के साथ कार पूल की और दिल्ली सचिवालय पहुंचे।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने घर से साइकिल चलाकर दफ्तर आए। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत अपने ओएसडी की कार से सचिवालय पहुंचे।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मुझे सूचना मिल रही है कि लोग इस योजना का करीब करीब 100 प्रतिशत पालन कर रहे हैं और केवल कुछ ही चालान काटे गए हैं। मैं दिल्लीवासियों के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। हाल ही में हमने डेंगू को हराया है और अब बारी राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने की है।’’
सड़कों पर कम संख्या में यातायात पुलिस के कर्मियों की तैनाती संबंधी प्रश्न में उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्हें इस पहल में मदद करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर वह इस बारे में उप राज्यपाल से बातचीत कर सकते हैं।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “मैं करीब दो घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर रहा और मैं खुश हूं कि योजना का अनुपालन किया जा रहा है। अधिकतर वाहन सम संख्या वाले थे। मैं सभी दिल्ली वालों का, सहयोग के लिये शुक्रिया अदा करता हूं।”
इस योजना के तहत जिन श्रेणियों के वाहनों को छूट प्राप्त है उन्हें छोड़कर आज सिर्फ वही चार पहिया गाड़ियां सड़कों पर चलेंगी जिनकी पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम है।
शहर में आज सुबह साढ़े सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 439 था जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
केजरीवाल ने सुबह एक ट्वीट कर कहा, “नमस्ते दिल्ली ! प्रदूषण कम करने के लिए आज से सम-विषम शुरु हो रहा है। अपने लिए, अपने बच्चों की सेहत के लिए और अपने परिवार की सांसों के लिए सम-विषम का ज़रूर पालन करें। कार शेयर करें। इस से दोस्ती बढ़ेगी, रिश्ते बनेंगे, पेट्रोल बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा।”
उन्होंने ऑटो और टैक्सी चालकों से भी अपील की कि वे यात्रियों से ज्यादा किराया न वसूलें । मुख्यमंत्री ने उनसे योजना में भागीदारी का अनुरोध किया।
सम-विषम नियम के उल्लंघन पर 4000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन व राजस्व विभाग की 600 टीमों को शहर में योजना के सख्ती से अनुपालन के लिये तैनात किया गया है।
गुड़गांव में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले सीनियर क्रिएटिव डिजाइनर रोहित राय (27) ने कहा कि उन्हें मेट्रो से अपने दफ्तर जाना पड़ा क्योंकि उनकी गाड़ी का आखिरी अंक विषम संख्या है।
उन्होंने कहा, “क्योंकि मैं गाजियाबाद में रहता हूं, मेरे लिये कार से दफ्तर जाना ज्यादा आसान है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम इस शहर को स्वच्छ बनाएं।”
यह योजना 15 नवंबर तक सोमवार से शनिवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार पहिया वाहनों पर लागू होगी। इसके तहत जिन गाड़ियों की पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक विषम (1,3,5,7,9) है उन्हें चार, छह, आठ, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी।
इसी तरह जिन वाहनों की पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम (0,2,4,6,8) होगा उन्हें पांच, सात, नौ, 11,13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी।
दो पहिया और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को इस योजना में छूट दी गई है लेकिन इस बार सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के लिये ये छूट नहीं है।
जिन गाड़ियों में सिर्फ महिलाएं और उनके साथ 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चे होंगे, उन्हें भी छूट होगी। दिव्यांगजन के वाहनों को भी सम-विषम में छूट है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आपातकालीन, प्रवर्तन सेवाओं के वाहनों समेत 29 श्रेणियों के वाहनों को इससे छूट दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को हालांकि इससे छूट नहीं दी गई है।
विजय गोयल ने सम-विषम योजना का किया उल्लंघन, भरा जुर्माना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने सोमवार को प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना का विरोध करते हुए इसे एक ‘चुनावी स्टंट’ करार दिया।
राज्य सभा सांसद श्री गोयल सम-विषम योजना के विरोध में अपनी अंतिम विषम अंक वाली कार इस योजना के विरोध में आज लेकर निकले जिन पर चार हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
श्री गोयल ने इसके बाद संवाददाताओं से कहा, “ मैं सम-विषम योजना का विरोध करूंगा। यह एक चुनावी स्टंट है। यह योजना एक दिखावा है। वे (दिल्ली सरकार) खुद कह रहे हैं कि इतना अधिक प्रदूषण पराली जलाने से हो रहा है तब यह योजना किस तरह प्रदूषण कम करने में मदद करेगी। मैं इसका उल्लंघन करने के लिए जुर्माना भरने को तैयार हूं।”