कोलकाता/लखनऊ , 18 जनवरी।संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देश व्यापी प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ पार्क सर्कस मैदान में करीब 60 मुस्लिम महिलाएं अब भी धरना दे रही हैं।
इन महिलाओं का कहना है कि जब तक उनके पक्ष में ‘फैसला’ नहीं आ जाता तब तक वे यहां से नहीं हटेंगी। महिलाएं यहां पिछले 12 दिन से प्रदर्शन कर रही हैं। यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे धरना-प्रदर्शन की तरह है।
इस प्रदर्शन में पेशवर महिलाओं से लेकर आम गृहिणी भी हिस्सा ले रही हैं। यहां धरना दे रही महिलाओं में से एक युवा शोधार्थी नौशीन बाबा खान ने कहा, ‘‘ यह करो या मरो की लड़ाई है। हम यहां शांति से तब तक बैठेंगे जब तक फैसला हमारे पक्ष में नहीं आ जाता है।’’
सीएए को लेकर डाले गए 59 याचिकाओं की सुनवाई 22 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में होनी है। इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘‘ देखें क्या होता है! न्यायिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं लेकिन अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया तो धरना जारी रहेगा।’’
वहीं एक गृहिणी फरहत इस्लाम ने कहा, ‘‘ हम यहां खुले में ठंड को झेलते हुए बैठे हैं। हम बीते 10 दिनों से यहां से करीब 100 मीटर दूर स्थित नजदीकी मस्जिद में महिला शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कभी यहां से हटने के बारे में नहीं सोचा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं और अब भाजपा सीएए के नाम पर प्रमाणित भारतीय लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है।’’
फरहत ने कहा कि करीब 10 दिन के धरने के बाद कोलकाता नगर निगम प्रशासन ने तीन-चार बायो शौचालय और अन्य जरूरी सुविधाएं महिलाओं को 17 जनवरी को मुहैया कराई हैं।
धरने पर बैठी महिलाओं को पेश आ रही समस्याओं के बारे में फरहत ने कहा, ‘‘ आलिया विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय, यादवपुर विश्वविद्यालय, सुरेंद्रनाथ कॉलेज के विद्यार्थियों ने सैनिटरी नैपकिन मुहैया कराए हैं जबकि इलाके के लोग हर संभावित सहायता पहुंचा रहे हैं।’’
पेशे से फल विक्रेता अर्जुन तिवारी ने कहा, ‘‘ हमारी बहनें हमारे अधिकारों की लड़ाई के लिए काफी समस्याओं का सामना कर रही हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी मदद करें।’’
तृणमूल के लिए कब्र साबित होगा नंदीग्राम : घोष
नंदीग्राम से खबर है कि, पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि बंगाल में इतिहास खुद को दोहराएगा और जिस तरह से नंदीग्राम मार्कसवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए कब्र बनी थी उसी तरह वो तृणमूल सरकार के लिए भी साबित होगी।
श्री घोष शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में भाजपा की अभिनंदन यात्रा निकालने पर पुलिस ने रोक दिया जिसके बाद उन्होंने कहा कि आज से 12 साल पहले माकपा ने ममत बनर्जी को यहां प्रदर्शन करने से रोक कर अपनी कब्र खोद ली थी।
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन
उधर लखनऊ से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में शुक्रवार को शुरू हुुुआ प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा।
मुस्लिम महिलाएं सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर घंटाघर पर जुटी हैं। प्रदर्शनकारी महिलाएं रातभर डटी रहीं। इन महिलाओं के हाथ में सीएए व एनआरसी के विरोध की तख्तियां भी हैं। शुक्रवार दोपहर तीन बजे दिन से सीएए और एनआरसी के विरोध में मुस्लिम महिलाएंं अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं।
सीएए असंवैधानिक, इसे खत्म किया जाना चाहिए: चिदंबरम
कोलकाता, से खबर है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) असंवैधानिक है और इसे खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) एक ही जैसे हैं।
श्री चिदंबरम यहां सीएए के खिलाफ पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सीएए असंवैधानिक और यह भेदभावपूर्ण कानून है तथा इसे तुरंत खत्म कर देना चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी भी एक ही चीज है और यह भी भेदभावपूर्ण है। कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की हाल में दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें प्रस्ताव लाकर सीएए और एनआरसी का विरोध करने का फैसला किया।