नयी दिल्ली, तीन मार्च ।उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में हिंसा के दौरान निहत्थे पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले व्यक्ति को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है ।
जाफराबाद-मौजपुर रोड पर 24 फरवरी को एक व्यक्ति ने अपना तमंचा पुलिसकर्मी पर तान दिया था जिसका वीडियो वायरल हो गया। इस व्यक्ति की पहचान 33 वर्षीय शाहरुख के तौर पर हुई है।
व्यक्ति ने पुलिस की मौजूदगी में आठ गोलियां चलाईं थीं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान पुलिसकर्मी पर गोली चलाने वाले मोहम्मद शाहरुख को मंगलवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है ।
दिल्ली दंगों के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें शाहरुख पुलिसकर्मी दीपक दहिया पर पिस्तौल ताने हुए दिखायी दे रहा है जबकि पुलिसकर्मी डंडे से उसका सामना कर रहा है। इसके अलावा वह हवा में भी गोलियां चलाता नजर आ रहा है। यह वीडियो 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा का था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) ए के सिंघला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वह (शाहरुख) शामली ( उत्तरप्रदेश) से भागने की फिराक में था लेकिन उसे पकड़ लिया गया और बाद में उसे दिल्ली लाया गया। हम हिंसा के दौरान उसके द्वारा इस्तेमाल की गई पिस्तौल बरामद करने का प्रयास कर रहे हैं। पिस्तौल अच्छी गुणवत्ता वाली थी। उसने तीन गोलियां चलाई थीं। वह विरोध प्रदर्शन में अकेला गया था।”
गत सप्ताह वायरल हुए वीडियो में 24 फरवरी को जाफराबाद-मौजपुर रोड पर 33 वर्षीय शाहरुख को एक पुलिसकर्मी पर देसी पिस्तौल ताने हुए देखा गया था।
पुलिस शाहरुख के परिजनों का पता लगाने का प्रयास कर रही है जो अभी फरार हैं।
बीच में कॉलेज की पढ़ाई छोड़ चुके शाहरुख की मॉडलिंग में रूचि थी और वह टिकटॉक वीडियो बनाता था।
गौरतलब है कि दिल्ली दंगों से संबंधित यह सबसे प्रमुख गिरफ्तारी है। इससे पहले जगतपुरी से कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को दिल्ली में दंगा भड़काने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली हिंसा: कई अब तक नहीं लौटे हैं घर
अपनी जान बचाकर भागे बहुत से लोग प्रभावित क्षेत्रों में अपने घरों में अब तक नहीं लौटे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले छह दिनों से स्थिति शांतिपूर्ण है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार पिछले सप्ताह हिंसा के दौरान 79 मकान और 327 दुकानें आगजनी में नष्ट हो गयीं।
सिसोदिया ने सोमवार शाम तक उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इसके अलावा 168 मकानों को बड़ा नुकसान एवं 40 को मामूली नुकसान पहुंचा।
मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को 12वीं की बोर्ड की परीक्षा में 98 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।
वैसे तो सांप्रदायिक हिंसा में मारे गये लोगों का आधिकारिक आंकड़ा 42 है लेकिन शिवविहार और हिंसा प्रभावित अन्य क्षेत्रों से मिले पांच शव राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रखे गये हैं। संदेह है कि इन पांचों की दंगे में जान गयी। उनमें से एक की पहचान अली अफताब (21) के रूप में हुई है और वह उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला था।
भजनपुरा में हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए 18 वर्षीय आकिब की गुरु तेग बहादुर अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी। उसके परिवार ने मंगलवार को यह दावा किया। आकिब अपनी बहन की शादी के लिए कपड़े खरीदने निकला था और उसके सिर में गंभीर चोट आयी थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उनसे हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्व दिल्ली की स्थिति पर चर्चा की।
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मोदी से अनुरोध किया कि हिंसा के लिये जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाए चाहे वे किसी भी दल के हों।
हाल के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आम आदमी पार्टी के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी से केजरीवाल की यह पहली मुलाकात है।
केजरीवाल ने रविवार की अफवाहों के सिलसिले में कहा, ‘‘ रविवार को जब अफवाहें फैलीं तो दिल्ली पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिये सक्रियता से काम किया। अगर दिल्ली उसी प्रकार से पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को हिंसा के दौरान सजग रहती तो काफी लोगों को बचाया जा सकता था।’’
पुलिस जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिवविहार, भजनपुरा, यमुनाविहार और मुस्तफाबाद में फ्लैग मार्च कर रही है और स्थानीय लोगों के साथ बैठकें कर रही है। पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून को लेकर इन स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
दिल्ली विधानसभा के एक पैनल ने व्हाट्सअप नंबर और ईमेल आईडी जारी किया जहां लोग उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाये जा रहे नफरते भरे भाषण को लेकर शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के अध्यक्ष आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि लोगों को सोशल मीडिया पर नफरतभरे संदेश नजर आते हैं तो वे व्हाट्स नंबर 8950000946 और ईमेल आईडी डीवीएस कमिटी एट द रेट ऑफ दिल्ली डॉट गर्वन डॉट इन पर शिकायत कर सकते हैं।
भारी पुलिस बंदोबस्त और अभिभावकों के स्कूलों के गेटों पर चिंतातुर दिखने के बीच 98.33 फीसदी परीक्षार्थियों ने सीबीएसएई की कक्षा बारहवीं की इतिहास विषय की परीक्षा दी।
जाफराबाद के जाकिर हुसैन मेमोरियल स्कूल के 16 वर्षीय एक छात्र ने कहा, ‘‘ मैं 12वीं के पेपर को हमेशा याद रखूंगा कि मैंने किन परिस्थितियों में परीक्षा दी है।’’
नाम न जाहिर करने की शर्त पर बात करते हुए एक छात्र ने कहा, ‘‘ मैंने परीक्षा के लिए इतिहास विषय की जो पढ़ाई की थी, उसका ऐसे समय में मुझे कोई मतलब नहीं समझ आ रहा है जब मौजूदा इतिहास इतना खतरनाक लिखा जा रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली और देश का इतिहास अच्छा हो, दंगे और हिंसा जैसा न हो।’’
इस बीच, उत्तरपूर्वी दिल्ली में कई बाशिंदों एवं दुकानदारों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने घरों और दुकानों से नेमप्लेट और बोर्ड हटा लिये क्योंकि उन्हें निशाना बनाये जाने का डर है।
हिंसा का शिकार हुई शिव विहार की तंग बंद गलियां अब भी खाली पड़ी हैं। मुस्तफाबाद सीमा से लगे इलाके में रहने वाले हिंदू परिवार अपने घरों पर ताला लगाकर चले गए हैं। वहीं कुछ ने अपने ‘नेमप्लेट’ को खुद ही तोड़ दिया है ताकि उनकी पहचान ना हो पाए।
यहां 24 फरवरी को हुई हिंसा के बाद गाजियाबाद स्थित अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे दीपक राजोरा (32) ने कहा, ‘‘ वहां से भागने से पहले मैंने अपने पिता के नाम वाली ‘नेमप्लेट’ हटा दी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी गली में रहने वाले अन्य कुछ लोगों ने भी ऐसा ही किया था। गली के कोने पर बने घर आग में पूरी तरह खाक हो गए थे।’’
हिंसा ग्रस्त इलाके से थोड़ी दूर बुराड़ी इलाके में भी अबरब सईद की फर्नीचर की दुकान का ‘होर्डिंग’ हटा दिया गया है।
सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए कई बाशिंदों ने अपने घरों को लौटने के लिए पुलिस की मदद मांगी है।
दिल्ली हिंसा: 436 प्राथमिकियां दर्ज,1400 से अधिक को गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया:
दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मामले में 436 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है।
पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि 45 मामले शस्त्र कानून के तहत दर्ज किए गए।
उन्होंने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को पिछले छह दिनों में दंगे से संबंधित कोई फोन नहीं आया।
अधिकारी ने बताया कि दंगा प्रभावित इलाकों में हालात अब नियंत्रण में हैं।