नयी दिल्ली, 18 दिसम्बर । जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय और जाफराबाद तथा सीलमपुर में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर सख्त रूख अपनाते हुए दिल्ली पुलिस ने व्हाट्सएप सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अफवाह फैलाने वालों तथा फेक वीडियो डालने वाले लोगों की जानकारी देने को कहा है।
पुलिस विरोध प्रदर्शन के दौरान ड्रोन की फुटेज के विश्लेषण और अन्य एजेन्सियों की मदद से भी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा करने और लोगों को उकसाने वालों की पहचान कर रही है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर खुद भी कड़ी निगरानी रख रही है और सोशल मीडिया कंपनियों को भी आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो पर नजर रखने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो को खंगाला जा रहा है जिससे कि दोषियों की पहचान की जा सके। लोगों को उकसाने और भ्रमित करने वाले पोस्ट कौन भेज रहा है इसका भी पता लगाया जा रहा है। इस मामले में कुछ लोगों की पहचान कर ली गयी है तथा अन्य की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सूत्रों ने बताया कि राजधानी में ड्रोन की मदद से विभिन्न क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है और ड्रोन से ली गयी तस्वीरों और वीडियो की फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है जिससे कि दोषियों का पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि इस काम में कितने ड्रोन की मदद ली जा रही है। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में लगे सीसी टीवी की फुटेज का भी विश्लेषण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजधानी में आज स्थिति शांतिपूर्ण तथा नियंत्रण में है। कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं है। पूर्वोत्तर दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगायी गयी है। इनमें हर्ष विहार और सोनिया विहार आदि कुछ क्षेत्र शामिल हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लोगों और शांति समितियों से मिल कर बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जामिया में मार्ग संख्या 13 पर आज भी कुछ लोगों ने एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। जाफराबाद और सीलमपुर तथा ब्रजपुरी में हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में कुल तीन मामले दर्ज किये गये हैं और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने लोगों से अफवाहों से सतर्क रहने और दुष्प्रचार से दूर रहने की अपील करते हुए शांति बनाये रखने में मदद करने की अपील की है।
जामिया हिंसा में पुलिस फायरिंग का वीडियो वायरल:
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कालोनी और जामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसक झड़पों में पुलिस की ओर से गोली चलाए जाने का वीडियो वायरल हो रहा है।
दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त चिन्मय विश्वाल ने कहा कि वीडियो की जांच करने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंच सकते है। रविवार को हुई हिंसा के बाद से ही लगातार पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन पुलिस गोलीबारी की घटना को सिरे से खारिज करती रही है।
पुलिस के द्वारा गोली चलाये जाने का मामला उस समय सामने आया जब जब होली फैमिली में इलाज करा रहे एक घायल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई हालांकि बाद में डॉक्टरों ने कहा कि इलाज के शुरुआत में मरीज के द्वारा जो लिखवाया जाता है उसे ही रिपोर्ट में लिखा जाता है।
वायरल वीडियो में तीन पुलिसकर्मी भीड़ के पथराव से बचने का प्रयास कर रही है और इसी दौरान एक पुलिसकर्मी अपनी पिस्तौल से फायरिंग कर रहा है।
जामिया में रविवार को हुई हिंसक झड़पों में घायल कम से कम तीन लोगों का दावा है कि उन्हें गोली लगी है, लेकिन दिल्ली पुलिस लगातार दावा कर रही है कि लोगों के प्रदर्शन के दौरान उन्होंने किसी तरह की फ़ायरिंग नहीं की थी।
इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली पुलिस का बचाव करते हुए मंगलवार को कहा कि उस दिन पुलिस ने किसी प्रकार की गोलीबारी या फायरिंग नहीं की।