नयी दिल्ली, छह नवंबर।दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की। इससे पहले मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने यहां पुलिस मुख्यालय के बाहर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था।
सूत्रों ने कहा कि भले ही कानून-व्यवस्था के विषय पर यह एक नियमित बैठक थी लेकिन उपराज्यपाल को मंगलवार को हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी दी गई।
यह प्रदर्शन वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ की गई कथित मारपीट के खिलाफ किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में, मुख्य सचिव विजय कुमार देव और दिल्ली पुलिस के सभी संयुक्त आयुक्त उपस्थित थे।
कल सुबह नौ बजे से शुरू होकर 11 घंटे तक चले गतिरोध के बाद, प्रदर्शनरत पुलिसकर्मियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था।
बैजल ने मंगलवार को कहा था कि पुलिस और वकीलों के बीच भरोसा बहाल करना अत्यावश्यक है और यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि पूरे मामले में निष्पक्षता से न्याय हो।
सभी जिला अदालतों में वकीलों का प्रदर्शन, एक ने की खुदकुशी की कोशिश:
उधर तीस हजारी अदालत परिसर में हिंसा की घटना के विरोध में दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकीलों का प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा और इसी बीच रोहिणी कोर्ट की इमारत पर चढ़कर एक वकील ने खुदकुशी करने की कोशिश की।
राजधानी की सभी जिला अदालतों के बाहर वकील दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी अौर प्रदर्शन कर रहे हैं। वकीलों ने सुबह रोहिणी कोर्ट में लोगों को जाने से रोक दिया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे वकील इंसाफ की मांग कर रहे हैं। रोहिणी कोर्ट के अलावा साकेत और पटियाला हाउस कोर्ट में भी प्रदर्शन जारी है। साकेत कोर्ट में वकीलों ने कोर्ट के सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं और कामकाज ठप है। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के मना करने के बाद भी वकीलों की हड़ताल जारी है।
पुलिस और वकीलों के बीच टकराव के बाद यहां बने गतिरोध पर चर्चा करने के लिए पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ उनके आवास पर बैठक कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दो नवंबर की घटना के बाद एक तरफ जहां पुलिस वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ वकील भी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि तीस हजारी अदालत परिसर और उसके बाद विभिन्न अदालतों के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की घटना से गुस्साये पुलिसकर्मियों ने कल करीब 11 घंटे बाद अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म कर दिया। आला अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद पुलिसकर्मियों ने धरना खत्म करने का फैसला किया था। पुलिसकर्मियों ने वकीलों के व्यवहार के खिलाफ मंगलवार को मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार पुलिस अधिकारी और कर्मचारी धरने-प्रदर्शन पर बैठे।
इस प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों की पत्नियां और बच्चे भी शामिल हो गये थे। पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया वहीं उनके परिजनों ने इंडिया गेट के निकट प्रदर्शन किया था।