नयी दिल्ली, पांच दिसंबर । केंद्र और आप सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि गलत कार्रवाइयों में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों पर ध्यान देने के लिए एक पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ से यह भी कहा गया कि उपराज्यपाल इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं।
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय के 2006 के फैसले का विधिवत पालन किया जाए।’’ उन्होंने साथ ही बताया कि दिल्ली सरकार ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए एक अलग पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन की मंजूरी दे दी है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि प्राधिकरण के गठन का मुद्दा संबंधित मंत्रालय के पास अंतिम चरण में है और ‘‘हमें एक दृढ़ फैसले पर पहुंचने के लिए कुछ समय चाहिए।’’ पीठ ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया और मामले पर अगली सुनवाई 31 जनवरी के लिए तय कर दी।
हालांकि पीठ ने अधिकारियों को मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशियेटिव की याचिका में दिल्ली सरकार के 27 फरवरी, 2012 के फैसले पर आपत्ति जतायी गयी है। यह फैसला शहर के सार्वजनिक शिकायत आयोग को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पीसीए) की मान्यता देने से जुड़ा है।
याचिका में सरकार का फैसला निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।attacknews.in