नयी दिल्ली, 17 दिसम्बर । गृह मंत्रालय ने आज कहा कि जामिया मिल्लिया विश्वविश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़प में दिल्ली पुलिस की ओर से एक भी गोली नहीं चलायी गयी और केवल आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया जबकि विश्वविद्यालय के पास के रिहायशी इलाके में पुलिस को एक खाली कारतूस मिला है।
मंत्रालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि इस समूचे प्रकरण में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से एक भी छात्र नहीं है। गिरफ्तार व्यक्तियों की आपराधिक पृष्ठभूमि बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में और लोगों की तलाश की जा रही है।
गिरफ्तार लोगों को आम शहरी बताते हुए सूत्रों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और उसके बाद ही उनकी पहचान सार्वजनिक की जायेगी।
तीन लोगों को कथित रूप से गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराये जाने की रिपोर्टों पर उन्होंने कहा कि इनमें से दो लोग अपने आप जाकर सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हुए थे और उन्हें किस तरह की चोट लगी है और कैसे लगी है इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि तीसरे व्यक्ति को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इसकी पुष्टि हो गयी है कि उसके शरीर पर गोली की चोट नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की गयी है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन और विरोध दोनों में आज कुछ जगह विरोध प्रदर्शनों का कार्यक्रम था। पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में भी दो बजे एक प्रदर्शन निर्धारित था लेकिन लोग सवा एक बजे के करीब वहां एकत्र हो गये तथा 66 फुटा रोड़ से होते हुए वे सीलमपुर टी प्वाइंट पहुंच गये। वहां इन लोगों को पुलिस ने रोक दिया। उन्हें वापस भेजा गया जिसके दौरान वहां हिंसा की छिटपुट घटना हुई है हालाकि किसी के घायल होने की बात सामने नहीं आयी है।
इस समूचे प्रकरण में आम आदमी पार्टी के एक विधायक की कथित भूमिका पर सूत्रों ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है और जो भी इसमें शामिल पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
दिल्ली मेट्रो के चार स्टेशनों पर एंट्री, एक्जिट खुला
इधर दिल्ली के यमुनापार के सीलमपुर और जाफराबाद में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ लोगों के प्रदर्शन के बाद बंद किए गए कई मेट्रो स्टेशनों में से वेलकम, गाेकुलपुरी, जौहरीपुर एंक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को मंगलवार शाम लगभग छह बजे लोगों के लिए खोल दिया गया।
दिल्ली मेट्रो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस से मिले परामर्श के बाद सीलमपुर,जाफराबाद, वेलकम, गोकुलपुरी, बाबरपुर, मौजपुर, जौहरीपुर और शिव विहार मेट्रो स्टेशन पर लोगों के प्रवेश और निकास पर रोक लगा दी गई थी लेेकिन बाद में हालत में सुधार होने के बाद वेलकम, गाेकुलपुरी, जौहरीपुर एंक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को मंगलवार शाम आम लोगों के लिए खोल दिया गया।
जामिया हिंसा मामले में गिरफ्तार छह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार छह युवकों को यहां की साकेत अदालत ने मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नागरिकता कानून के विरोध में रविवार को जामिया में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन युवकों को गिरफ्तार किया है उनके विरुद्ध 15 दिसंबर को हिंसक घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
जामिया विश्वविद्यालय की ओर से जांच के लिए अभी तक अनुरोध नहीं : गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का किसी भी विदेशी या अन्य नागरिक को देश से बाहर भेजने से कुछ लेना देना नहीं है और भारतीय नागरिक इसके दायर में ही नहीं आते। इस कानून का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से भी संबंध नहीं है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आज यह भी स्पष्ट किया कि सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन की घटना की जांच के लिए अभी तक जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय की ओर से सरकार को कोई भी औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।
जामिया हिंसा मामले में 10 लोग गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मीलिया इस्लामिया के आस-पास के इलाकों में हुई आगजनी एवं पथराव समेत हिंसक घटनाओं के सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में कोई भी जामिया विवि से जुड़ा या छात्र नहीं हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार की रात में गिरफ्तार सभी लोग आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं।
उधर, केंद्रीय गृहमंत्रालय के सूत्र के अनुसार जामिया में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने गोली नहीं चलायी थी।
उल्लेखनीय है कि जामिया विवि के पास सीएए के विरोध में आंदोलन के दौरान रविवार को प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये थे तथा कुछ बसों में आग लगा दी थी। हिंसक लोगों ने डीटीसी की चार बसों, 10 पुलिस गश्ती मोटरसाईकिलों तथा करीब 100 निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस ने इस संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की है। हिंसा और पथराव के कारण जिले के कुछ वरीय अधिकारियों समेत 30 पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस की ओर से की गयी लाठीचार्ज में 200 से अधिक लोग घायल हैं जिनमें जामिया के कई छात्र भी शामिल हैं।