किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस
किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी
ट्रैक्टर रैली: किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव
नयी दिल्ली 26 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह मंगलवार को हिंसक घटनाओं का गवाह बना जब सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर ट्रैक्टर रैली के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की और ऐतिहासिक राजपथ की ओर बढ़ने के विफल प्रयास के दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गयी।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव हुआ जिसके कारण जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान ट्रैक्टर से गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि कई अन्य लोग घायल हो गये।
पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान 83 पुलिसकर्मी घायल हो गये।
इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए। आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।
सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई । किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ । अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए।
इसबीच किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया । आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।
राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपने अनेक स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया था।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम(डीएमआरसी) ने अपने ट्वीटर पर जानकारी दी कि ग्रे लाइन के सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर , माडल टाउन, जीटीबीनगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा , सिविल लाइंस और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने और निकासी की अनुमति नहीं है।
इसबीच दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाए रखने और और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाने की अपील की है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि आज की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु किसान आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़ फोड़ का मार्ग चुना।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की तोड़फोड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। आंदोलनकारियों से अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाएं रखे और तय हुए रास्ते से वापिस लौट जाएं।
दूसरी ओर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।
इसबीच आंदोलनकारी किसानों के ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजधानी में अंदर तक आ जाने और पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद सरकार ने सिंघु, गाजीपुर , टिकरी आदि बार्डरों तथा उनके आस पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा आज अस्थायी रूप से बंद कर दी।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम 1885 के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, नांगलोई और मुकरबा चौक तथा इनसे लगते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में दिन में बारह बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्णय लिया । मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और किसी भी तरह की आपात स्थिति को टालने के लिए लिया गया है।
किसानों ने लाल किला पर अपना झंडा लहराया, किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, आईटीओ और अक्षरधाम समेत अन्य स्थानों पर हुए टकराव के बीच किसानों का एक जत्था लाल किला परिसर में पहुंचकर किसानों का झंडा लहरा दिया है।
आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया।
सिंघु बॉर्डर से बैरिकेट तोड़कर आगे बढ़े किसानों का ट्रांसपोर्ट नगर और मुकरबा चौक पर टकराव के बाद आईटीओ पर जबरदस्त टकराव हुआ।
पुलिस ने किसानों की भीड़ को इंडिया गेट की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। आईटीओ पर भीषण टकराव में कई किसानों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। फिलहाल आईटीओ पर हालात नियंत्रण में हैं।
किसान प्रदर्शन को देखते हुए कई समयपुर बादली, हैदरपुर बादली, जहांगीरपुरी, आदर्शनगर, आज़ादपुर, जीटीबी स्टेशन, माडल टाउन, विश्वविद्यालय, विधानसभा, आइटीओ समेत कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारी किसान लालकिले में घुसे, एतिहासिक इमारत के कुछ गुंबदों पर झंडे लगाए
ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर झंडे लगा दिए।
पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया। ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
उन्होंने लालकिले के कुछ गुंबदों पर भी अपने झंडे लगा दिए।
इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के विभिन्न सीमा बिन्दुओं से दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया और अनुमति न मिलने के बावजूद वे मध्य दिल्ली स्थित आईटीओ पहुंच गए।
दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद तय किए गए मार्गों पर ही अपनी परेड करेंगे।
हालांकि, आज किसान मध्य दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ गए जिससे अफरातफरी मच गई।
किसान रैली: मुकरबा चौक पर टकराव, पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और लाठियां चलायी
कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों की मुकरबा चौक पर पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े।
किसानों ने सिंघु बॉर्डर में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने मुकरबा चौक पर भारी बंदोबस्त किया था ताकि किसानों को दूसरे रास्ते पर मोड़ा जा सके।
मुकरबा चौक पर बैरीकेडिंग तोड़कर कुछ किसान आउटर रिंग रोड की तरफ कूच कर गए । इससे पहले संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी। पुलिस ने किसानों को आउटर रिंग रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलाई लेकिन किसान पुलिस बंदोबस्त को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और कुछ किसान घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच कई चक्र की बातचीत के बाद ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी गई थी। इसके लिए समय और मार्ग भी तय किया गया था लेकिन किसान दोनों का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े जिसके कारण कुछ जगहों पर टकराव हुआ।
किसानों की ट्रैक्टर परेड हिंसक होने के बाद बंद किया गया कनाट प्लेस
इधर किसानों की ट्रैक्टर परेड के कुछ जगहों पर हिंसक होने के कारण नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कनाट प्लेस को बंद रखने की घोषणा की।
नयी दिल्ली टेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने कनाट प्लेस बंद रखने का परामर्श दिया है।
उन्होंने बताया, ‘‘ट्रैक्टर परेड में अराजकता फैल गई । किसान आईटीओ पहुंच गए । मैंने पुलिस आयुक्त से बात की और परामर्श मिला कि बाजारों को बंद रखा जाए। हमने उन दुकानों को भी बंद करने के लिए कहा है, जो सामान्य दिन में इस वक्त तक खुल गई होतीं।’’
हर साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आयोजित होने वाली परेड के कारण कनाट प्लेस दोपहर एक बजे के बाद खुलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज व्यापारियों के लिए अच्छे कारोबार का दिन है, लेकिन सबकी सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और आज दुकानें बंद रखना ही उचित है।’’
राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई और वे लाल किला और आईटीओ पहुंच गए। कई जगहों पर वे ट्रैक्टर परेड के लिए तय रास्तों को छोड़कर अन्य रास्तों से जाने लगे और उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए।
किसानों के अवरोधक लांघने के बाद अराजकता की स्थिति, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
इससे पहले दिल्ली के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ट्रैक्टर के जरिए अवरोधक हटाने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए निर्धारित मार्ग का अनुसरण ना करने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
दिल्ली पुलिस राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निश्चित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी। किसानों के मध्य दिल्ली की ओर जाने के हठ के बाद अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने अवरोधक लांघने और गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए।
पारम्परिक सिख यौद्धा ‘निहंग’ की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई।
पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट की बाड़ तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दिल्ली में संसद से कुछ किलोमीटर दूर आईटीओ इलाके में भी प्रदर्शन कर रहे किसान पहुंच गए।
अधिकारी ने बताया कि सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित किए गए समय से पहले अवरोधकों को तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर जाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
इस बीच, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चो का कोई भी सदस्य आउटर रिंग रोड नहीं गया।
राजेवाल ने कहा, ‘‘ हम किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा करते हैं और सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।’’
राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को टैक्टरों का जमावड़ा दिखाई दिया, जिन पर झंडे लगे हुए थे और इनमें सवार पुरुष व महिलाएं ढोल की थाप पर नाच रहे थे। सड़क के दोनों ओर खड़े स्थानीय लोग फूलों की बारिश भी कर रहे थे।
वहीं, सुरक्षा कर्मी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें।
ट्रैक्टर रैली: आईटीओ पर जबरदस्त टकराव
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान ट्रैक्टर रैली के साथ जबरन आईटीओ के पास पहुँच गए जहां पर उनका पुलिस के साथ जबरदस्त टकराव चला जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े ।
इससे पहले किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे। इस दौरान मुकरबा चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, नोएडा मोड़ , अक्षरधाम पर उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां चलाई लेकिन किसान टकराव के साथ आगे बढ़ते गए।
आईटीओ के पास बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर के साथ जमा होकर इंडिया गेट की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
दिल्ली के अलग अलग इलाकों से मध्य दिल्ली की तरफ किसान लगातार ट्रैक्टर के साथ बढ़ रहे थे ।
सिंघु बॉर्डर से निकले किसानों के जत्थे और पुलिस के बीच मुकरबा चौक पर भिड़ंत हुई है। किसानों का ट्रैक्टर मार्च मुकरबा चौक से कंझावला जाने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर किसानों ने अपना रूट बदल दिया। वह आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए है। नोएडा मोड़ पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ है। अक्षरधाम में किसान बैरिकेड तोड़कर सराय काले खां की ओर बढ़ गए ।
ट्रैक्टर परेड के बाद किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर अपने प्रदर्शन शिविरों में लौटने का फरमान जारी किया किसान नेताओं ने :
राष्ट्रीय राजधानी में कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान घंटों फैली अराजकता के बाद हजारों किसानों ने मंगलवार शाम सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर स्थित अपने-अपने प्रदर्शन शिविरों की ओर लौटना शुरू कर दिया। लालकिले और मुकरबा चौक पर डटे किसान भी अपने शिविरों की ओर लौट गए।
इससे पहले, हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ विभिन्न हिस्सों से शहर में घुसे और उनमें से अनेक लालकिला परिसर पहुंच गए। लालकिले में स्थित ध्वज-स्तंभ पर भी कुछ किसान चढ़ गए और वहां अपना झंडा लगा दिया।
पुलिस ने अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए कई जगह लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
पुलिस ने बताया कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई। किसानों ने उसके शव को तिरंगे में लपेट दिया और उसे आईटीओ क्रॉसिंग पर रखा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भी नहीं ले जाने दिया।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब आईटीओ क्रॉसिंग पर कोई प्रदर्शनकारी किसान नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है।
शहर में आज कई जगह अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया और उन्हें रोकने के लिए खड़ी की गईं बसों को ट्रैक्टरों से टक्कर मारी।
संयुक्त किसान मोर्चे ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की और बाद में परेड को रद्द कर दिया।
मोर्चे ने किसानों से अपील की कि वे तत्काल दिल्ली से अपने प्रदर्शन शिविरों में लौट आएं।
इसने एक बयान में कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे के कदमों पर जल्द निर्णय किया जाएगा