नई दिल्ली 6 जुलाई । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि सेवाओं को दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र के बाहर बताने संबंधित गृह मंत्रालय की 2015 का एक नोटिफिकेशन अभी तक वैध है।
केजरीवाल को लिखे खत में बैजल ने कहा कि सर्विसेस के मामले एवं अन्य मुद्दों पर और स्पष्टता तभी आएगी जब सुप्रीम कोर्ट की नियमित पीठ के सामने इस संबंध में लंबित अपीलों को अंतिम रूप से सुना जाएगा।
उपराज्यपाल के अधिकारों को सीमित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार और एलजी कार्यालय के बीच विवाद की वजह सेवा विभाग बना हुआ है।
बैजल का यह बयान ऐसे वक्त आया है जबकि आज केजरीवाल ने कहा था कि उपराज्यपाल ने सेवा विभाग का कंट्रोल राज्य सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया है।
अपने पत्र में बैजल ने गृह मंत्रालय की 2015 की एक अधिसूचना के बारे में ध्यान दिलाते हुए संविधान के अनुच्छेद 239 और 239AA के तहत राष्ट्रपति निर्देश का जिक्र किया है। इसमें कहा गया कि सेवाएं दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं, इसलिए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के पास ‘सेवाओं’ को लेकर कोई कार्यपालिका अधिकार नहीं हैं।
पत्र में कहा गया, ‘इस नोटिफिकेशन को दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 अगस्त 2016 के अपने एक आदेश में भी सही ठहराया था।’
एलजी ने कहा, ‘माननीय हाई कोर्ट के पीछे के फैसले के चलते गृह मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि फैसले के अंतिम पैरा के मुताबकि ‘सेवा’ सहित 9 अपील पर नियमित पीठ सुनवाई करेगी और गृह मंत्रालय की 21 मई 2015 की अधिसूचना वैध बनी रहेगी।’
इससे पहले केजरीवाल ने दावा किया कि यह देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से साफ मना कर दिया है। बैजल के साथ 25 मिनट तक हुई बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि एलजी के मना करने के बाद देश में अराजकता फैल जाएगी।attacknews.in