नयी दिल्ली, 05 जनवरी। देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) के कैंपस के अंदर नकाबपोश लोगों ने रविवार शाम हिंसक हमला किया जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष चोट लगने से घायल हो गईं और कई छात्रों तथा शिक्षकों को भी गंभीर चोटें आई हैं।
सूत्रों के अनुसार घायलों में जेएनयू शिक्षक संघ से जुड़े कई नेता भी शामिल हैं।
जेएनयू ने एक बयान जारी करके कहा, “एबीवीपी ने सरकार के समर्थन से जेएनयू में आतंक का माहौल बना दिया है। नकाबपोश आरोपी पुलिस की उपस्थिति में लाठी, रॉड, हथौड़े आदि के साथ कैंपस में घूम रहे हैं, पथराव कर रहे हैं और दीवार चढ़ कर हॉस्टल के अंदर आ रहे हैं और छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं। उन्होंने कई छात्रों और शिक्षकों की बुरी तरह पिटाई की।जेएनयू अघ्यक्ष आइशी घोष गंभीर रुप से घायल हुई हैं। एबीवीपी के गुडें छात्रों का पीछा करके हमला कर रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। गुंडे संघी प्रोफेसरों के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। वे जबरदस्ती छात्रों को वंदे मातरम के नारे लगाने के लिए कह रहे हैं। यह आपात स्थिति है। हम सभी मीडियाकर्मी , सिविल सोसायटी ,मेडिकल और कानून के क्षेत्रों के लोगों से तत्काल मदद देने का आग्रह कर रहे हैं।”
दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया है कि वाम छात्रों ने उन पर हमला किया जबकि वाम छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि हमला एबीवीपी के छात्रों ने किया।
जेएनयू शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक नेता अविनाश ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुये आरोप लगाया कि एबीवीपी के छात्रों ने उनकी बैठक पर आज बुरी तरह हमला किया जिसमें कई छात्र और शिक्षक घायल हो गए। इनमें छात्र संघ के अध्यक्ष आईशी घोष के अलावा श्री अतुल सूद सुचित्रा सेन गरिमा श्रीवास्तव भी शामिल है। सुश्री सेन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान इलाज के लिए ले जाया गया है। शिक्षक नेता ने कहा, “हमला तब किया गया जब हम लोग परिसर के भीतर बैठक कर रहे थे।”
कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी ने एबीवीपी और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है और उन्होंने हिंसा की कड़ी निंदा की है।
इस घटना के विरोध में जामिया के छात्रों ने पुलिस मुख्यालय के सामने आज रात धरना प्रदर्शन किया।
जेएनयू के बाहर योगेंद्र यादव पर हमला किया गया:
स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर रविवार को कथित तौर पर हमला किया गया।
साथ ही, विश्वविद्यालय परिसर में शाम में जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी के सदस्यों के बीच झड़प हुई।
यादव ने कहा कि वहां गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात नहीं करने दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी वहां खड़े थे लेकिन कुछ नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘यदि पुलिस डरी हुई है तो वह अपनी वर्दी उतार सकती है।’’
सूत्रों ने बताया कि जेएनयू छात्र संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सदस्यों के बीच शाम में विश्वविद्यालय परिसर में झड़प हुई। विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान यह घटना हुई।
छात्र संघ ने दावा किया कि इसकी अध्यक्ष आइशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों के पथराव में घायल हो गये।
वहीं, आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी ने आरोप लगाया कि उसके सदस्यों पर वाम दलों से जुड़े छात्र संगठनों के सदस्यों ने हमले किए और उनके (एबीवीपी के) 25 सदस्य घायल हो गये।
सरकारी संरक्षण में जेएनयू के छात्रवासों में गुंडों का हिंसा का नंगा नाच : कांग्रेस
कांग्रेस ने जवाहर लाल नहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)में छात्रों के साथ मारपीट पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि गुंडे कई छात्रवासों में घुसकर हिंसा का नंगा नाच कर रहे हैं लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने रविवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि गुंडे कावेरी, पेरियार, साबरमती आदि छात्रवासों में घुसकर हिंसा कर रहे हैं। महिला छात्रावास में घुसकर जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को बुरी तरह पीटा गया है।
उन्होंने कहा कि गुंडे किसी को नहीं छोड़ रहे हैं। वे मुँह पर कपड़े बांधकर छात्रवासों के भीतर घुसकर लाठी डंडों से हमला कर रहे हैं। छात्रों और अध्यापकों को पीटा जा रहा है और उनके सामानों को तोड़ा जा रहा है।
श्री सुरजेवाला ने इन हमलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और कहा ,“मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई। आज जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में।”