नयी दिल्ली 28 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि न्यायाधीशों और अधिकारियों के लिए फाइव स्टॉर कोविड देखभाल केंद्र की सुविधा के लिए दिल्ली सरकार को कभी नहीं कहा गया तथा सरकार को तत्काल उस आदेश में सुधार करने को कहा जिसमें अशोका होटल में बेड की व्यवस्था करने को कहा गया था।
इस बीच उच्च न्यायालय की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने फाइव स्टार होटल में जजों के लिए 100 बिस्तरों का विशेष कोविड देखभाल केंद्र बनाने के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने लाइवलॉ का हवाला देते हुए कहा, “ यह बहुत भ्रामक है। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में ऐसा कोई अनुरोध किया और न ही कोई संवाद किया है।”
न्यायालय ने इस मामले में दिल्ली सरकार से जवाब प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है।
दिल्ली सरकार ने अशोका होटल को दिया जजों और उनके परिवारों के लिए कोरोना स्वास्थ्य केंद्र बनाने का आदेश
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के अनुरोध पर दिल्ली सरकार ने पांच सितारा अशोका होटल को जजों, न्यायलय अधिकारी और उनके परिवारों के लिए 100 कमरों का कोविड स्वास्थ्य केंद्र बनाने का आदेश दिया।
इस सुविधा को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित प्राइमस हॉस्पिटल से जोड़ा जाएगा। इस बाबत एक आदेश रविवार को चाणक्यपुरी उप-मंडल की मजिस्ट्रेट गीता ग्रोवर द्वारा पारित किया गया था ।
यह आदेश ऐसे समय में दिया गया जब दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती हुई दिखाई दे रही है। दिल्ली के ज्यादातर अस्पताल बेडों, वेंटिलेटरों और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उच्च न्यायालय ने कोरोना को लेकर सुनवाइयों के दौरान स्वयं इस मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार की आलोचना की है।
22 अप्रैल को अस्पतालों में बेडों की कमी के मुद्दे को लेकर जस्टिस विपिन सांघी ने कहा, ‘कोरोना के केसों में चार गुना वृद्धि हुई है। लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। आम आदमी को छोड़ दीजिए। अगर उनकी जगह आज में होता तो मुझे भी आसानी से बेड नहीं मिलता।’
सोमवार को दिल्ली में कोरोना के 20,201 नए मामले सामने आए थे, जबकि इस दौरान 380 लोगों की मौत हो गई। राजधानी में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है।
वहीं अशोका होटल में न्यायाधीशों व उनके परिवारों के लिए 100 कमरों की कोरोना स्वास्थ्य सुविधा को लेकर मजिस्ट्रेट गीता ग्रोवर ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायाधीशों, जजों और उनके परिवारों के लिए अशोका होटल को 100 कमरों का कोरोना स्वास्थ्य केंद्र बनाने का आदेश दे दिया गया है और हफ्तेभर के अंदर यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
मालूम हो कि अशोका होटल भारत सरकार के उपक्रम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के आधीन संचालित है। इससे पहले शहर के 22 होटलों को कोरोना मरीजों के लिए बेड की सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पतालों से जोड़ा गया था। हालांकि इसके लिए शुल्क लिया जाएगा।
मजिस्ट्रेट द्वारा रविवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार होटल के स्टाफ को सुरक्षा के साधन मुहैया कराए जाएंगे और उन्हें एक ट्रेनिंग भी दी जाएगी। मरीज को खाना, साफ सफाई, कीटाणुशोधन जैसी सभी सुविधाएं होटल की तरफ से दी जाएंगी। इसके लिए मरीजों से संबंधित अस्पताल शुक्ल वसूलेगा और बाद में होटल को उसका खर्चा दिया जायेगा। वहीं, प्राइमस अस्पताल अपने खर्चे पर होटल में मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती करेगा। पिछले आदेश के अनुसार हॉस्पिटल मरीज से प्रति दिन 5 हजार रुपए से ज्यादा रुपए नहीं वसूल सकते। अधिकारियों ने कहा कि अशोका होटल पर भी यही सब आदेश लागू होंगे।