नयी दिल्ली, दो मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन सांद्रक और जरूरी दवाएं अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर न बेची जाएं।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि कोविड-19 से संबंधित दवाओं और उपकरणों की जमाखोरी तथा कालाबाजारी में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएं। साथ ही अवमानना कार्रवाई के अलग मामले का सामना करने के लिये उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाए।
कुछ वकीलों ने अदालत को बताया था कि दवाओं और उपकरणों के लिये अधिक रकम वसूली जा रही है, जिसके बाद अदालत ने ये निर्देश जारी किये हैं।
इसके बाद दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस ने एंबुलेंस के लिये ज्यादा किराया वसूलने, दवाओं, उपकरणों की कालाबाजारी जैसे मामलों के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिये एक हेल्पलाइन नंबर- 33469900 – जारी किया है।
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया का वह निर्देश दे कि इस हेल्पलाइन का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए जिससे लोग ऐसे गलत गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को सूचित कर सकें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) और पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस हेल्पलाइन का व्यापक प्रचार करें।
ज्यादा किराया वसूले जाने, कोविड-19 के उपचार से जुड़ी दवाओं और उपकरणों की जमाखोरी व कालाबाजारी का मुद्दा पीठ के संज्ञान में केंद्र द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लाया गया। केंद्र ने याचिका में अदालत से उसके एक मई के उस आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था जिसमें उसने दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी और केंद्र चाहता था कि अदालत इस निर्देश को भी वापस ले ले।