नयी दिल्ली, 10 जून । दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर आधारित आने वाली फिल्म ‘न्याय:द जस्टिस’ की रिलीज पर राेक लगाने की मांग को लेकर प्रस्तुत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति संजीव नरुला की एकलपीठ ने सुशांत के नाम ,जीवनी अथवा अन्य एकरुपता का फिल्मों में इस्तेमाल करने से फिल्म निर्माताओं पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रस्तुत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
न्यायालय ने हालांकि प्रतिवादियों (फिल्म निर्माताओं) को रॉयल्टी, लाइसेंसिंग, प्रो लाइसेंसिंग अथवा फिल्म से होने वाले मुनाफे का सभी ब्यौरा संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष पेश करने के आदेश दिये हैं।
सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने इस वर्ष के प्रारंभ में सुशांत के जीवन पर प्रस्तावित फिल्मों के खिलाफ रोक लगाने की मांग करते हुए अपनी याचिका में कहा कि लोग उनके बेटे की मौत का अनुचित फायदा उठा रहे हैं।
याचिका में तर्क दिया गया कि फिल्म निर्माता परिस्थिति का लाभ उठाते हुए मौके को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं तथा इस तरह के फिल्म , नाटक , वेब-श्रृंखला, पुस्तक, साक्षात्कार अथवा अन्य सामग्रियों के प्रकाशन से उनके पुत्र की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है।
याचिकाकर्ता ने प्रतिष्ठा को नुकसान और मानसिक आघात पहुंचाने के लिए दो करोड़ रूपये के हर्जाने की भी मांग की है। न्यायालय ने गत अप्रैल में विभिन्न फिल्म निर्माताओं से संबंधित याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा था।
याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल को डर है कि कुछ ऐसी फिल्में, वेब श्रृंखला, किताबें, साक्षात्कार अथवा अन्य सामग्री प्रदर्शित/प्रकाशित हो सकती है जो सुशांत और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचायेगी।
सुशांत राजपूत के जीवन पर आधारित अन्य आगामी फिल्मों में ‘सुसाइड या मर्डर: ए स्टार वाज लॉस्ट’, ‘शशांक’ और एक अनाम प्रोजेक्ट शामिल है।
उल्लेखनीय है कि 34 वर्षीय सुशांत पिछले वर्ष 15 जून को अपने मुंबई स्थित आवास पर मृत पाए गए थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उनकी मौत की जांच कर रही है।