नईदिल्ली 8 दिसम्बर । अग्निशमन के बहादुर जवान राजेश शुक्ला ने दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में रविवार को अाग में घिरी इमारत में सबसे पहले घुसे और 11 लोगों की जान बचाई। इस दौरान उनके पैर में चोटें आईं जिसका वह लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल(एलएनजेपी ) में इलाज चल रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगर वह अपनी बैक अप टीम का इंतजार करते तो शायद हताहतों की संख्या और बढ़ जाती लेकिन इस निर्भीक जवान ने कोई परवाह किए बगैर भीतर छलांग लगा दी और 11 लोगों की जिंदगी बचाई।
दिल्ली के गृह, स्वास्थ्य और बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने राजेश शुक्ला से अस्पताल में मुलाकात की और उनकी बहादुरी और जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें असली हीरो बताया।
उन्होंने राजेश के साहस की तारीफ करते हुए ट्वीट किया“ राजेश शुक्ला वास्तव में हीरो हैं और वह पहले अग्निशमन कर्मचारी थे जो आग लगने की जगह गए थे और 11 लोगों की जिंदगी बचाई। वह अपना काम अंत तक करते रहे और इस दौरान घायल भी हो गए। इस बहादुर हीरों को सलाम।”
अनाज मंडी आग हादसे में इमारत मालिक और प्रबंधक गिरफ्तार
राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में आग हादसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संदर्भ में लापरवाही) के तहत दिल्ली पुलिस ने शाम को मामला दर्ज कर इमारत मालिक मोहम्मद रेहान और उसके पिता रहीम को हिरासत में ले लिया और इनसे पूछताछ की जा रही है।
उत्तरी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने यहां पत्रकारों को बताया कि इमारत मालिक रेहान और उसके प्रबंधक फुरकान को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़ितों की मदद करेगें: पुरी
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी आज कहा कि दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में अग्निकांड से पीड़ित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी।
श्री पुरी दिल्ली भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव तथा राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सुरक्षा व्यवस्था में कुछ कमी रही है जिससे यह हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जा सकेगा। इसके बाद दोनों नेता लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल गये जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है।
अनाज मंडी हादसे के पीड़ित अपनाें की खैरियत के लिए होते रहे परेशान:
दिल्ली में रानी झांसी रोड के निकट अनाज मंडी में फैक्ट्रियों में भीषण आग लगने की घटना के बाद पीड़ित परिजनों और शुभचिंतकों को अपनों की खैरियत की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकते हुए परेशान देखा गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे में मारे गये लोगों के बारे में न तो कोई जानकारी मिल पा रही है और न ही झुलसे और घायलों की कोई खैरियत मिल रही है। लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के बाहर कई परिजनों ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें अस्पताल के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है।