नयी दिल्ली,08 दिसंबर।दिल्ली में रानी झांसी रोड़ के अनाज मंड़ी इलाके में रविवार सुबह लगी भीषण आग के मामले में दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक रेहान को हिरासत में ले है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने बताया कि रेहान को भारतीय दंड़ संहिता की धारा 304(गैर इरादतन हत्या) के तहत हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली अग्निकांड: इमारत में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने से अधिकांश लोगों की दम घुटकर हुई मौत:
दिल्ली के अनाज मंडी स्थित जिस इमारत में रविवार सुबह आग लगी थी वहां पहुंचे एनडीआरएफ के दल ने कहा कि इमारत में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरी थी। इमारत में लगी आग की वजह कम से कम 43 लोगों की जान चली गई।
उत्तरी दिल्ली की अनाज मंडी क्षेत्र में चार मंजिला इमारत में चलने वाली अवैध निर्माण इकाइयों के अधिकांश श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया।
उन्होंने कहा, “हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली। उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की। इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी।”
गैस, तेल, कोयला और लकड़ी जैसे ईंधनों के पूरी तरह से नहीं जल पाने पर यह रंगहीन, गंधहीन खतरनाक गैस बनती है।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर ने कहा कि टीम को इमारत की कुछ खिड़कियां सील मिली।
उन्होंने कहा, “वहां एक ही कमरा था जिसमें अधिकतर मजदूर सो रहे थे और वहां हवा के आने-जाने के लिए केवल एक स्थान था। अधिकतर मजदूरों को तीसरी मंजिल से लाया गया था। इमारत में रखे सामान के जलने की वजह से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन गई।”
शहर में 1997 में हुए उपहार सिनेमा हादसे के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आग हादसा है।
भीषण आग: 43 लोगों की मौत का दृश्य ह्दय विदारक था-
राष्ट्रीय राजधानी के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 श्रमिक मारे गए ।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि 150 दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।
दमकल अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है और दमकल कर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए।
इस बीच, बिजली वितरण कंपनी बीवाईपीएल ने दावा किया कि इमारत के भूतल पर लगे मीटर सुरक्षित हैं, जिससे प्रतीत होता है कि आग किसी अन्य कारण की वजह से लगी।
वहीं दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैरइरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों को 10 . 10 लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया।
घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य था। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिजन विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे।
दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही थी। जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे। इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की जान दम घुटने से चली गई।
सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे रहे ।
बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है। ’’
वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ‘‘कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है।’’
व्यक्ति ने कहा, ‘‘मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं।’’
उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं। यह इलाका बेहद संकरा है।
एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे।
उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं।
घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। ’’
उन्होंने लिखा, ‘‘ घटनास्थल पर अधिकारी हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये और झुलसे लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।
उत्तर दिल्ली के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है।
इससे पहले, दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल सहित कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे।
बिहार के एक ही गांव के 15 लड़के हताहत:
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में जिस बैग फैक्ट्री आग लगी थी उसमें बिहार के समस्तीपुर जिले के एक ही गांव के 15-16 लड़के काम करते थे जिनकी खैरियत की जानकारी परिजनों और रिश्तेदारों को दोपहर बाद तक नहीं मिल पायी थी।
इन लड़कों के बारे में अपराह्न डेढ़ बजे तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। बेगूसराय जिले के सनाउल्लाह ने बताया कि समस्तीपुर जिले के हेरपुर गांव निवासी उसकी बुआ का लड़का साजिद उसी फैक्ट्री में काम करता था जिसका हादसे के बाद से कोई पता नहीं चला है।