नयी दिल्ली, 27 जनवरी । दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में विभिन्न थानों में 22 प्राथमिकी दर्ज कर एक सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने दंगा फैलाने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने, सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि गणतंत्र दिवस वाले दिन दिल्ली के विभिन्न इलाकों में आंदोलनकारी किसानों द्वारा किये गये हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद कल एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया था। बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया था।
सीसीटीवी फुटेज से हो रही है आरोपियों की पहचान:
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।
अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के एकीकृत संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक भी बुलाई । इससे पहले सिंघू बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों ने भी एक बैठक की।
एसकेएम की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुयी थी।
पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे।
उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघू बॉर्डर से आये किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया। लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए।
बयान के अनुसार, मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।
शाह ने उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की
गृह मंत्रालय आंदोलनकारी किसानों के गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में उत्पात को गंभीरता से ले रहा है और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन उच्च स्तरीय बैठक में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव , गुप्तचर ब्यूरो और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।
सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने गृह मंत्री को पूरे घटनाक्रम तथा इससे उत्पन्न स्थिति और राजधानी में शांति बनाये रखने के लिए किये जा रहे उपायों की जानकारी विस्तार से दी। बैठक में इस समूचे घटनाक्रम के संबंध में आगे की रणनीति और इस बारे में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की गयी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस सारे घटनाक्रम के बारे में अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है जिसके आधार पर आगे कदम उठाये जा रहे हैं।
श्री शाह ने मंगलवार शाम को भी एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की थी। इस बैठक में राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में पांच हजार अतिरिक्त अर्र्द्धसैनिक बल तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया था। इन बलों की तुरंत तैनाती भी कर दी गयी है।