नयी दिल्ली 14 फरवरी । दिल्ली पुलिस ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (22) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है।
दिलकी पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि दिशा रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ फैलाने में उसकी कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है।
कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के मामले में ‘‘खालिस्तानी समर्थक’’ समूह द्वारा तैयार और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तथा अन्य द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए ‘टूलकिट’ के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।हालांकि एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया गया था।
किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ की जांच दिल्ली पुलिस की साइबर सेल कर रही है।
विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने दावा किया है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई है. विभिन्न धाराओं के तहत ‘आपराधिक साजिश’ और ‘समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ के प्रयास के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर केवल टूलकिट के रचनाकारों के खिलाफ है, जिसकी जांच जारी है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था “टूल किट के रचनाकारों की मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ असहमति और अंसतोष को प्रोत्साहित करना था. इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक लड़ाई को भी गति देना है.”
कुछ दिन पहले ही केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देते हुए स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी एक ‘टूलकिट’ साझा किया था, जिसमें लोगों को यह बताया गया था कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का लोगों को समर्थन करना चाहिए. लेकिन यह बाद में डिलीट कर दिया गया. हालांकि उन्होंने फिर अपडेटेड टूलकिट डॉक्यूमेंट पोस्ट किया. एक अधिकारी के मुताबिक, इस दस्तावेज में किसानों के समर्थन में ट्विटर पर ट्वीट की झड़ी लगाने और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करने की भी योजना तैयार की गयी थी।
दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ बनाने वालों के संबंध में गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मांगी थी. बीते हफ्ते दिल्ली पुलिस ने बताया कि 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है, जो किसान प्रदर्शन पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री सर्कुलेट करते देखे गए।
पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को जो हिंसा हुई, वह पहले से स्क्रिप्टेड थी. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं।
मिली 5 दिन की रिमांड:
पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की।पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ‘ ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं.’
दिल्ली की एक अदालत ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक रवि को उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में ‘टूलकिट’ बनाने के साथ उसके प्रचार-प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।
दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की टीम ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने रवि को रविवार को अदालत में पेश किया और उन्हें सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया।
पुलिस ने अदालत में ये भी कहा कि भारत सरकार के खिलाफ कथित तौर पर बड़े स्तर पर साजिश रचने और खालिस्तानी आंदोलन में भूमिका को लेकर जांच करने के लिए हिरासत की आवश्यकता है।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।
आपको बता दें कि इस सिलसिले में खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को FIR दर्ज हुई थी। पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट’ में एक खंड है, जिसमें कहा गया है. 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों।