नयी दिल्ली, 17 मई । दिल्ली की एक अदालत ने 15 वर्षीय एक किशोरी के साथ बलात्कार करने के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी पीड़िता को धमकाता और प्रभावित करता था क्योंकि अभी तक पीड़िता का कोई पता नहीं चल पाया है।
अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह ने गोविंद सिंह को 10 लाख रुपये का निजी बॉन्ड तथा उतना ही मुचलका जमा कराने की शर्त पर 90 दिन की जमानत दे दी। सिंह को जबरन यौन संबंध बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायाधीश ने जांच अधिकारी की उस रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को जमानत दे दी, जिसमें कहा गया था कि पीड़िता का पता नहीं चल पा रहा है। न्यायाधीश ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि पीड़ित ने अपनी आंतरिक चिकित्सकीय जांच कराने से भी मना कर दिया था।
अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ इस तथ्य पर गौर करते हुए कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता को धमकाया या बहकाया था। वहीं, कोविड-19 की वजह से भी स्थिति असाधारण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सभी तथ्यों पर गौर करते हुए और मामले की स्थिति को देखते हुए , गोविंद सिंह को आज की तारीख से लेकर 90 दिन की जमानत दी जाती है।’’
पुलिस के अनुसार, घटना के समय पीड़िता 15 वर्ष से कम आयु की थी, जब आरोपी ने उसे अपने कमरे में बुलाकर दो से तीन बार यौन संबंध बनाए। मामले में सह-आरोपी शिवम को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
सिंह को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) की धारा छह और भादंवि की धारा 366 और 376 के तहत गिरफ्तार किया गया था।