नयी दिल्ली ,15 दिसम्बर । कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का आन्दोलन राष्ट्रीय राजधानी में 20 वें दिन भी जारी रहा ।
किसान संगठनों की ओर से दिल्ली की सीमाओं के निकट धरना प्रदर्शन जारी रहा । इस दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार को तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस ले लेना चाहिये और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देना चाहिये ।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों को आन्दोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत से समसया का समाधान करना चाहिये । दिल्ली की सीमाओं पर करीब चालीस किसान संगठनों की ओर से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और वे लम्बे समय तक संघर्ष की बात कह रहे हैं ।
सरकार पर दवाब बढ़ाने के लिए किसानों की ओर से कल एक दिन का अनशन किया गया था । कुछ किसान संगठनों ने कृषि सुधार कानूनों का समर्थन भी किया है ।
भाजपा मुख्यालय के सामने कांग्रेस का प्रदर्शन
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को यहां भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और कहा कि भाजपा सरकार को समझ लेना चाहिए कि जनता ने उसे पूंजीपतियों की मदद को नहीं बल्कि गरीबों की सहायता के लिए सत्ता सौंपी है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता अनिल चौधरी ने प्रदर्शनकारियों को संबंधित करते हुए कहा “आज भाजपा मुख्यालय पर आने का उद्देश्य सोयी हुई मोदी सरकार को जगाने का है। भाजपा नींद से जागे और पूंजीपतियों की जगह किसानों का साथ दे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता देश की जनता ने सौंपी है, पूंजीपतियों ने नहीं।”
उन्होंने कहा कि 18-19 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान अपने परिवारों, बच्चों से साथ डटे हैं। उनकी मांग क्या है पूरा देश सुन रहा है। देश का एक एक नागरिक उनकी आवाज सुन रहा है लेकिन अफसोस इस बात का है कि देश के प्रधानमंत्री उनकी बात नहीं सुन रहा है।
श्री चौधरी ने कहा ‘ किसान की आवाज उठाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। किसान का बेटा हूँ, किसानों की लड़ाई हर कीमत पर लड़ूंगा। ये देश के अन्नदाताओं की आवाज है मोदी जी, इसको सुनिए। अन्नदाताओं की आवाज को अनसुना कर भी आप अन्नदाताओं की आवाज दबा नहीं पाएंगे।”
मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन में पलीता लगाने की साजिश है किसान आंदोलन: सुखबीर मलेरना
इधर प्रगतिशील किसान मोर्चा के नेता सुखबीर मलेरना ने केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े तीन कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को चीन की शह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत ‘ अभियान को विफल करने की साजिश करार दिया है।
श्री मलेरना ने मंगलवार को कहा कि तीनों कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे किसान आंदोलन को कम्युनिस्टों ने पूरी तरह अपनी पकड़ में ले लिया है और इसका ठोस सबूत विवादित नेताओं की रिहाई जैसी मांग है जो कम्युनिस्ट एजेंडे का हिस्सा है। इसी एजेंडे के तहत कम्युनिस्ट आंदोलन को लंबा खींचना चाहते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर श्री मलेरना कम्युनिस्टों द्वारा आंदोलन हथियाने पर विरोध जता चुके हैं।