नयी दिल्ली, 20 दिसंबर ।संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़प में कम से कम छह लोगों की मौत हो गयी वहीं राष्ट्रीय राजधानी में भी हजारों लोगों ने रैलियां निकालीं तथा शाम होते होते यहां भी हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गये जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।
कई राज्यों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं जिसके बाद सरकार ने इस तरह का संकेत दिया है कि वह इस संबंध में सुझावों पर विचार करने को तैयार है।
दरियागंज में हिंसक हुई भीड़, वाहन में लगायी आग:
दिल्ली के दरियागंज इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग के हवाले कर दिया तथा सुरक्षा बलों पर पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भीड़ पर पानी की बौछार की और लाठी चार्ज किया।
प्रदर्शन कर रहे लोग यहां दिल्ली गेट के पास हिंसक हो गये और इस दौरान एक वाहन में भी आग लगा दी।
पुलिस के अनुसार दरियागंज में घंटों से एकत्र भीड़ शाम को हिंसक हो गयी। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब भी दरियागंज में जमा हैं।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हिरासत में
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने के दौरान दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया।
भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने आजाद को जामा मस्जिद में हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन वह बचकर निकल गए। हालांकि बाद में उन्हें दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस द्वारा मार्च की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी भीम आर्मी के नेतृत्व में जामा मस्जिद से बड़ी संख्या में लोगों ने मार्च किया। इससे एक दिन पहले भी राष्ट्रीय राजधानी में छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित हजारों लोगों ने निषेधाज्ञा के बाद भी प्रदर्शन किया था।
एनएचआरसी ने जामिया परिसर का दौरा किया
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सस्यीय टीम ने शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के परिसर का दौरा कर पुस्तकालय की जांच की और विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस के प्रवेश के बारे में पूछताछ की। विश्वविद्यालय प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी के अनुसार टीम ने पुस्तकालय का दौरा किया जहां पुलिस रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ परिसर के बाहर हिंसा और आगजनी करने वाले ‘बाहरी’ लोगों की तलाश करते हुए कथित रूप से जबरन घुसी थी।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में निेषेधाज्ञा लागू, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुक्रवार को 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है और जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है।
तीन दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा भड़क उठी थी।
पुलिस ने कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या समेत कई अधिकारी फ्लैग मार्च के दौरान मौजूद थे।
पुलिस उपायुक्त सूर्या ने कहा, ‘‘ हम क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं।’’
पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और हिंसा करने के मामले में पुलिस ने गुरूवार को राशिद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है
सीएए विरोधी प्रदर्शन : शर्मिष्ठा मुखर्जी को अमित शाह के आवास के पास हिरासत में लिया गया
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में यहां शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास प्रदर्शन के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख शर्मिष्ठा मुखर्जी को संगठन के कुछ अन्य सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा ने ‘बताया कि दिल्ली महिला कांग्रेस की करीब 50 अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया और मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने शाह के आवास के पास प्रदर्शन मार्च के दौरान शर्मिष्ठा और संगठन के कुछ अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया।
दरियागंज हिंसा के बाद पुलिस ने कई लोगों को लिया हिरासत में
नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ दरियागंज में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये जिसके बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता तथा सेंट्रल दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मंदीप सिंह रंधावा ने कहा कि पुरानी दिल्ली के लोगों की भीड़ दरियागंज के पास एकत्र थी, वे लोग जंतर-मंतर की ओर जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। पुलिस के साथ-साथ स्थानीय गणमान्य लोगों ने भी लोगों को अपने-अपने घरों में जाने की अपील की लेकिन शाम होते ही भीड़ हिंसक हो गयी जिसमें बाहरी लोगों के शामिल होने की आशंका है। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए सिर्फ पानी की बौझार की है।
दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर कई जगह हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा और अलग-अलग जगहों पर हजारों की संख्या में लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिस दौरान एक कार को भी आग लगा दी गई।
दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का केंद्र जामा मस्जिद के आस-पास के इलाके थे जहां मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हाथ में संविधान की प्रति पकड़ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन दिल्ली गेट इलाके में उन्हें रोक दिया गया जहां बड़ी संख्या में अवरोधक लगाए गए थे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपनी बेटी मिराया के साथ प्रदर्शन में शामिल होने शाम को इंडिया गेट के पास स्थित मैदान में पहुंचीं। यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस नेता इस हफ्ते नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिये इंडिया गेट पहुंचीं।
पुलिस द्वारा दिल्ली गेट इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिये बल प्रयोग किये जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इस दौरान मची अफरा-तफरी के बीच एक कार को आग लगा दी गई जबकि कई अन्य गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दरियागंज में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 40 लोगों को हिरासत में लिया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि पथराव में उसके संयुक्त आयुक्त स्तर के एक अधिकारी समेत कई पुलिसकर्मियों को चोट लगी है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम एस रंधावा ने संवाददाताओं को बताया, “हमने कई लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ बाहरी लोगों ने इलाके में हिंसा भड़काई।”
पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाने के लिये लाठी चार्ज किया और स्थिति अपने नियंत्रण में ली।
जामा मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों के चप्पल-जूते और पत्थर बिखरे पड़े थे। इलाके में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था।
हिंसा शुरू होने से घंटों पहले दिल्ली गेट इलाके में एक मस्जिद से ऐलान कर लोगों से शांति बनाए रखने और घरों में लौट जाने की अपील की गई क्योंकि वे पहले ही इस नए कानून को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया, सीमापुरी, जंतर-मंतर, इंडिया गेट और पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर समेत कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। सीलमपुर में मंगलवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
दरियागंज में प्रदर्शनकारियों ने नए कानून को रद्द करने की मांग को लेकर “कमीज उतार कर” प्रदर्शन किया। कई प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।
पुलिस ने कहा कि सीमापुरी इलाके से लोगों के एक समूह द्वारा पथराव किये जाने का मामला सामने आया जहां पुलिस के एक अतिरिक्त उपायुक्त को मामूली चोट आई है।
प्रदर्शनों और निषेधाज्ञा के मद्देनजर शहर में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को ट्रैफिक जाम रहा।
शहर में इस कानून के खिलाफ गुरुवार को भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे।
सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में भाग लेने जा रहे लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिहाज से राजीव चौक, चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद और दिल्ली गेट सहित कम से कम 18 स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा शुक्रवार को बंद कर दिए। लोगों की भीड़ पर नजर रखने के लिये पुलिस ने कई जगह ड्रोन भी तैनात किये थे।
अधिकारियों ने कहा कि पूर्वोत्तर दिल्ली के 12 पुलिस थाना क्षेत्रों ने निषेधाज्ञा लागू की गई थी।
पुलिस ने सुबह सीलमपुर इलाके में फ्लैग मार्च किया।
क्नॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में सीएए के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया जहां लोगों ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के समर्थन में नारेबाजी की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की आवाज का पूरी तरह अपमान किया है और असहमति को दबाने के लिए क्रूरता से बल का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि सीएए भेदभावपूर्ण है तथा प्रस्तावित एनआरसी खासकर गरीबों और वंचितों को प्रभावित करेगा।
सीएए और एनआरसी के लिये लोगों के निशाने पर आई सरकार के बचाव में आए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन, केंद्रीय वक्फ़ कौंसिल के सदस्य, देश भर में शैक्षिक संस्थानों, धार्मिक प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, आम लोगों से संपर्क-संवाद कर समाज के बड़े वर्ग में पैदा की जा रही ‘सियासी साजिश’ से उत्पन्न गलतफ़हमी को दूर कर झूठ और दुष्प्रचार को बेनकाब करने का अभियान शुरू करेंगे।
दिल्ली, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और कर्नाटक-केरल के सीमावर्ती इलाकों से छिटपुट हिंसा की खबरें हैं। उत्तर प्रदेश के कई शहरों, कर्नाटक के कुछ शहरों एवं राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट तथा एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। हालांकि दिल्ली में कुछ लोगों ने पुलिस को गुलाब का फूल भेंट कर शांति का संदेश देने का प्रयास किया।
संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। कर्नाटक के मंगलुरू में गुरूवार को पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गयी वहीं लखनऊ में कल एक व्यक्ति हिंसा में मारा गया। जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बल चौकन्ने हैं।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि बिजनौर में दो लोग मारे गये, वहीं मेरठ, संभल और फिरोजाबाद में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी। लेकिन अधिकारियों ने कानपुर में भी एक व्यक्ति के मारे जाने की जानकारी है।
सिंह ने कहा कि संघर्ष की घटनाओं में 50 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये।
प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ सहयोगी दलों ने भी चिंता जाहिर की हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि उनके राज्य में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा, वहीं भाजपा की अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि प्रदर्शन दिखाते हैं कि केंद्र सरकार समाज के एक बड़े वर्ग में संशय को दूर करने में विफल रही है।
महाराष्ट्र में विरोध मार्च निकालते हुए एआईएमआईएम ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार सीएए और एनआरसी के माध्यम से चाहती है कि भारत में केवल हिंदू रह जाएं।
कांग्रेस ने मोदी सरकार को देश में हो रहे व्यापक प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार ठहराया और नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिये जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की भी वकालत की।
हालांकि एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार विरोध कर रहे लोगों के सुझावों पर विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि नये कानून को लेकर लोगों के भ्रम दूर करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में जगह-जगह बैरिकेड लगाये गये लेकिन निषेधाज्ञा लागू होने और तमाम मेट्रो स्टेशनों के बंद होने के बावजूद जुमे की नमाज के बाद हजारों लोगों को जामा मस्जिद के पास एकत्रित होने से रोका नहीं जा सका। शाम होते-होते इंडिया गेट तथा सेंट्रल पार्क में बड़ी संख्या में तिरंगा और ‘संविधान बचाओ’ लिखी तख्तियां लिये लोगों ने नारेबाजी की। उन्होंने सरकार पर देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी इंडिया गेट पर प्रदर्शन में शामिल हुईं।
पुलिस ने इलाके में नजर रखने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल किया। पुरानी दिल्ली के दिल्ली गेट और जामा मस्जिद समेत कई मेट्रो स्टेशन बंद कर दिये गये थे।
उत्तर पूर्व जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला जहां रविवार को हिंसा भड़की थी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास हजारों लोगों को ‘नो सीएए, नो एनआरसी’ लिखी टोपियां पहने हुए देखा गया।
उत्तर प्रदेश में कई जगहों से हिंसक प्रदर्शनों की खबरें हैं। जुमे की नमाज के बाद गोरखपुर, संभल, भदोही, बहराइच, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर तथा फिरोजाबाद समेत कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आईं। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी और उसके बाद पुलिस ने भी कार्रवाई की।
अलीगढ़, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, संभल और इलाहाबाद समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से रोक दी गयी है।
गुजरात में वड़ोदरा शहर के हाथीखाना इलाके में एक मस्जिद के बाहर एक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। उन्होंने नमाज के लिए आये लोगों के वीडियो बनाये जाने का विरोध किया।
अधिकारियों ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर एहतियातन कदम उठाये जा रहे हैं। तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पथराव में एक वरिष्ठ अधिकारी घायल हो गया।
महाराष्ट्र में भीड़ ने बीड, नांदेड़ और परभनी जिलों में राज्य परिवहन की बसों पर पथराव किया।
केरल में पुलिस पड़ोसी कर्नाटक के मंगलुरू में दो लोगों की मौत के मद्देनजर उत्तरी जिलों में निगरानी बढ़ा दी। केरल के अनेक स्थानों पर कल आधी रात के बाद से विरोध प्रदर्शन और ट्रेनों तथा बसों को रोके जाने की घटनाएं सामने आईं।
प्रदर्शनकारियों ने कोझिकोड में कर्नाटक राज्य परिवहन बसों को रोक दिया। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम ने मंगलुरू की बस सेवा स्थगित कर दी।
कोझिकोड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाए। एक समूह ने गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका ।
केरल से तलाप्पडी सीमा के रास्ते मंगलुरु आने वाले लोगों को पुलिस की सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। शहर में प्रवेश के इच्छुक लोगों को सिर्फ आपात मामलों में पहचान पत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों से निकलने से बचें।
केरल से ट्रेन से आए कम से कम 50 पुरुषों और महिलाओं को बिना पहचान पत्र मंगलुरु में प्रवेश करने का प्रयास करने पर हिरासत में लिया गया है।
सरकारी वेनलॉक अस्पताल में प्रवेश का प्रयास करने वाले मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है। अस्पताल में गुरुवार को हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम चल रहा था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे अफवाह फैलाने वाले निहित स्वार्थी तत्वों से बच कर रहें।
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार रात मंगलुरु सिटी और दक्षिण कन्नड़ जिले क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया था।
उधर, असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा अदालत के आदेश के बाद बहाल कर दी गयी।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाले नेताओं से बात करेंगे और वह राज्य के मूल लोगों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नईदिल्ली में हिरासत में लिये गये लोगों की रिहाई के लिए पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली गेट इलाके में हुई हिंसा के बाद बड़ी संख्या में हिरासत में लिए गए लोगो की रिहाई के लिए लोग पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे है।
इस प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के छात्र भी शामिल हो गए हैं। प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद और फासीवाद हो बर्बाद जैसे नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि पुलिस ने दिल्ली गेट इलाके से लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिए गए है।
उत्तरप्रदेश में सीएए के विरोध में उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में भड़की हिंसा,छह की मृत्यु:
लखनऊ से खबर है कि,नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुये विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में छह लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि 38 पुलिस कर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गये।
सूबे की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को भड़की हिंसा के मद्देनजर सरकार ने अफवाहों पर रोकथाम के लिये एहतियात के तौर पर कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया था। इसके बावजूद सम्भल, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बुलंदशहर, कानपुर,गोरखपुर ,वाराणसी और फिरोजाबाद समेत 12 जिलों में जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतरी भीड़ ने प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ एवं आगजनी की।
वाराणसी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शहर के बजरडीहा के फारुखीनगर इलाके में जुमे की नमाज के बाद पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झडपें हुई। पुलिस लोगों को धारा 144 लागू होने की बात बता रोक रही थी,लेकिन वे लोग अपनी जिद पर अड़े रहे। पुलिस के समझाने पर भी वे लोग नहीं माने । भीड़ खदेडने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पडा। इस घटना में कई लोगों को चोट आई है। इसके अलावा शहर के मदनपुरा इलाके में भी जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने प्रदर्शन करने की कोशिश की,जिन्हें पुलिस ने समझाबुझा कर वापस भेज दिया।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि कुछ घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है।
सम्भल जिले में नागरिकता कानून के विरोध को लेकर जुमे की नमाज के बाद दूसरे दिन चंदौसी में भी उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की। उपद्रवियों को नियन्त्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े । उपद्रवियाें ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा।
बुलंदशहर के कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों समेत करीब 10 लोग घायल हो गये। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के कालाआम मोहल्ले में स्थित एक मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद एक वर्ग विशेष के लोगों ने सीएए के विरोध में जुलूस निकाला जो शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। इस बीच ऊपरकोट मोहल्ले में जुमे की नमाज के बाद 400-500 लोगों की भीड़ नारेबाजी करती हुयी निकल आयी। पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास किया लेकिन भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया और बैरीकेडिंग तोड़ते हुये आगे बढ गयी। उपद्रवियों ने पुलिस वाहन और कुछ बाइकों को आग लगा दी।
इस बीच लखनऊ पुलिस ने सोशल साइट पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 13 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जुमे की नमाज को लेकर आज जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्म गुरूओं से बात की और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की ।
पुलिस महानिदेशक ने लखनऊ में हुयी हिंसा में बांग्लादेशी नागरिकों के शामिल होने की आशंका व्यक्त की है। उन्होने कहा कि गिरफ्तार लोग पूछताछ के दौरान बांगला में जवाब दे रहे थे। उनके फोन जब्त कर लिये गये हैं। इस बीच राजधानी में कल हुये हिंसक प्रदर्शन को लेकर आज पुलिस को जांच में एक गुलाबी रंग का पर्चा मिला जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रामक और आपत्तिजनक बातें लिखी थीं । पुलिस यह मान कर चल रही है कि पर्चा बंटने के बाद ही हिंसा भड़की। पुलिस पर्चा छपवाने और इसे बांटने वाले को पकड़ने का प्रयास कर रही है ।