नयी दिल्ली 23 फरवरी । लगता है कि,गुलबर्गा में Aimim के नेता वारिस पठान द्वारा दिया गया यह भाषण कि, मुसलमानों द्वारा भारत में आजादी छीन कर ली जाएगी और हम 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है,दिल्ली में सही साबित हो रहा है ,यही कारण है कि, उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाक़े में नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ प्रदर्शन कर रहे और इसके समर्थन में आए लोगों के बीच पत्थरबाज़ी हुई है जिसके कारण पुलिस को आंसू गैस छोड़कर हालात को काबू में करना पड़ा।
पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने ट्विटर के ज़रिए लोगों से मौजपुर चौक पर पहुंचने के लिए कहा था। मौजपुर में सीएए के समर्थन में आए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाज़ी की और उसके बाद पत्थराव शुरू हो गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ देर के लिए पत्थरबाजी हुई लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।
इलाके में तनाव को देखते हुए मौजपुर और बाबरपुर मेट्रो स्टेशन को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।
वहीं श्री मिश्रा ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है,“जाफ़राबाद और चांद बाग़ की सड़कें खाली करवाइए. इसके बाद हमें मत समझाइएगा. हम आपकी भी नहीं सुनेंगे, सिर्फ़ तीन दिन।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।
इसके साथ ही श्री मिश्रा ने पुलिस के सामने भी सड़कों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया और कहा कि उनके समर्थकों की ओर से पथराव नहीं किया गया है।
सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जफराबाद,सीलमपुर, चांदबाग, मौजपुर और इसके आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
मालवीय नगर में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का बल प्रयोग,कई घायल
दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाक़े में रविवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के ख़िलाफ मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें कई लोग घायल हो गए।
मालवीय नगर इलाके के हौज रानी में प्रदर्शनकारी भीम आर्मी के भारत बंद के समर्थन में मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस की ओर से मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गयी थी।
सीएए के खिलाफ जफराबाद मेट्रो के नीचे की सड़क पर प्रदर्शन:
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास शनिवार देर रात अचानक महिलाओं ने एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सैकड़ों महिलाएं आधी रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे से गुजरने वाली सड़क पर बैठ गईं और सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी करने लगी।
पिंजरा तोड़ आंदोलन की एक सदस्य देवांगना कलिता ने बताया कि जाफराबाद में लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है लेकिन कल देर रात करीब एक हजार महिलाएं अपने प्रदर्शन स्थल से कूच करके जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठ गई। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। पुलिस ने उनसे सड़क से हटने की अपील की लेकिन प्रदर्शनकारी इस कानून के खिलाफ नारेबाजी करती रही।
एक सवाल के जवाब में देवांगना ने कहा कि प्रदर्शन को पूरी तरह से स्थानीय महिलाओं ने शुरू किया है। पिंजरा तोड़ पर यहां की सड़क जाम करने का आरोप लगाना पूरी तरह बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि जहां जहां भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है वहां के लोगों और सामाजिक संगठनों को बदनाम करने के लिए तरह तरह की अफवाहें फैलाई जाती है ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि संविधान बचाने के खिलाफ लड़ाई में समाज और हर समुदाय के लोग स्वयं घरों से निकलकर आ रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। प्रदर्शन की वजह से मेट्रो स्टेशन को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
उत्तर पूर्वी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने के लिए बातचीत की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।
वहीं भीम आर्मी की ओर से भारत बंद के समर्थन में चाँदबाग (मुस्तफाबाद) के प्रदर्शनकारियों ने राजघाट तक मार्च निकालने का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग के साथ हौज खास, जाफराबाद, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, निजामुद्दीन, इन्द्रलोक समेत दस से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन चल रहा है।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन: जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ रातभर चला प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहने पर उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए।
इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग पहुंचे, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं।
यह प्रदर्शन शनिवार की रात शुरू हुआ और इस दौरान सीलमपुर को मौजपुर तथा यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क जाम कर दी गई।
महिलाओं के हाथ में तिरंगा था और वे ‘आजादी’ के नारे लगा रही थीं। उन्होंने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगी जब तक केन्द्र सीएए को वापस नहीं ले लेता।
महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती सहित इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
प्रदर्शन के मद्देनजर ही जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘‘ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इस स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकेगी। ’’
बुशरा नामक महिला ने कहा कि सीएए को वापस लिए जाने तक प्रदर्शनकारी यहां से नहीं हटेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता फहीम बेग ने कहा कि लोग इस मामले पर सरकार के रुख से नाराज हैं।
सीएए के खिलाफ मुख्य सीलमपुर मार्ग और कर्दमपुरी के पास प्रदर्शन पहले से ही जारी है।
जाफराबाद में यह प्रदर्शन ऐसे समय किया जा रहा है जब शाहीन बाग में पिछले दो महीने से सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास जारी है।
उच्चतम न्यायालय ने इन सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों से संपर्क करने के लिए वार्ताकार भी नियुक्त किए हैं।
अलीगढ़ में उपद्रव :
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भी उपद्रव हो गया। ऊपरकोट क्षेत्र में महिलाएं धरने पर बैठी थीं। रविवार देर शाम पुलिस जबरन महिलाओं को हटाने पहुंच गई।
पुलिस के जोरजबरदस्ती करने पर लोगों ने उस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने लोगों पर लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। उपद्रव में कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। दूसरी तरफ गोलीबारी में कुछ लोगों को गोली लगने की भी सूचना है। हालांकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बाबरी मंडी और घास की मंडी इलाके में भी पथराव की सूचना है।